सार

2 अगस्त को पूरे देश में नागपंचमी के अवसर नाग देवता की पूजा की जा रही है। ताकि वह पूरी साल सुरक्षित रहें। लेकिन महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक गांव ऐसा है, जहां बच्चों के लिए जहरीले सांप किसी खिलौने से ज्यादा नहीं हैं। यहां सांप भी इंसानों के बीच परिवार के सदस्य की तरह ही रहते हैं।

सोलापुर (महाराष्ट्र). नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त 2022 यानि आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं ताकि वह पूरे साल सुरक्षित रहें। क्योंकि गलती से किसी को कहीं सांप दिख भर जाए तो वह खौफ में आ जाता है। वहीं हर साल हजारों लोगों की इसके काटने से मौते भी हो जाती हैं। लेकिन महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां छोटे-छोटे बच्चे सांपों के साथ खिलौना की तरह खेलते हैं। आज तक यहां खतरनाक से खतरनाक सांप ने इन बच्चों को नहीं डसा, वह सापों को माला की तरह गले में डाले देखे जाते हैं।

इस गांव के किसी भी शख्स को आजतक सांप ने काटा
दरअसल, इस अनोखे गांव का नाम  शेतपाल है जो कि सोलापुर जिले में आता है। इस गांव में सांपों को अपने परिवार के सदस्य की तरह माना जाता है। सांप भी इंसानों के बीच परिवार के सदस्य की तरह ही रहते हैं। साथ ही यहां काफी प्राचीन समय से सांपों की पूजा की जाती है। हर शुभ काम से पहले गांव के लोग इनको पूजते हैं। 

लोग सांपों को पालतू जानवरों की तरह लेकर घूमते हैं
बता दें कि प्रत्येक घर में सांप पाले जाते हैं, कई घरों में तो खतरनाक जहर वाले कोबरा सांप भी लोग पालते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इस गांव इंसान तो इंसान जानवरों तक को नहीं काटते हैं। बच्चे से लेकर बुर्जुग तक सांपों को हाथ में लेकर पालतू जानवरों की तरह घूमते हैं। इस अनोखे गांव में यह नजारा देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। 

आज तक किसी को भी सांप ने नहीं काटा
मीडिया  रिपोर्ट के मुताबिक इस शेतपाल गांव में 3 हजार के आसपास ग्रामीण निवास करते हैं। आजतक सांप ने किसी को नहीं काटा है। अधिकतर लोग आदिवासी समुदाय से आते हैं।  जैसे हम परिवार के सदस्यों के लिए घर में अलग  कमरा बनाते हैं, ठीक इसी तरह यहां सांपों के लिए भी अलग से एक अलग से कमरा बनाया जाता है। वहीं कई लोगों ने इनके मंदिर भी बनवाए हैं। जहां तीज त्यौहारों पर इनकी  लोग पूरे विधि-विधान के साथ सांपों की पूजा करते हैं।