सार
महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति का नियम बदल दिया है। पहले यह गुप्त मतदान के जरिये होता था, लेकिन अब यह सदन में हाथ उठाकर होगा। भाजपा ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सरकार को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के भाजपा विधायक गिरीश महाजन की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है। यह याचिका महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनावों के नियमों को चुनौती देते हुए लगाई गई है। इसमें नए नियमों की वैद्यता पर सवाल उठाए गए हैं।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (CJI NV Ramana) और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने मामले को अगले सप्ताह सुनवाई के लिए लिस्टेड करने पर सहमति जताई है। उधर, इस मामले में महाराष्ट्र सरकार (Maharshra Government) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तत्काल सुनवाई की मांग की। सिंघवी ने बड़ी अदालत से कहा कि यह मुद्दा इस बात से जुड़ा है कि क्या मुख्यमंत्री अध्यक्ष के चुनाव में तारीख तय करने की सिफारिश कर सकते हैं। सिंघवी ने विधानसभा को "सिरविहीन" (Headless) कहते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को तत्काल लिस्ट करने की मांग उठाई।
बॉम्बे हाईकोर्ट खारिज कर चुकी है भाजपा विधायक की याचिका
भाजपा विधायक गिरीश महाजन ने विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए खुली मतदान पद्धति वाले नियमों को चुनौती देते हुए बंबई हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे 9 मार्च को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। उनका कहना है कि 23 दिसंबर, 2021 को महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र विधान सभा नियम, 1960 के नियम 6 और 7 में संशोधन करते हुए "अवैध और मनमाने ढंग से" अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना के जरिये गुप्त मतदान पद्धति को ध्वनिमत के जरिये खुली वोट प्रणाली में तब्दील कर दिया गया था। इसके तहत हाथ उठाकर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए वोटिंग की जाएगी। महाजन ने अपनी याचिका में कहा। विधायक के नियम 6 और नियम 7 में संशोधन विधानसभा के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए "गुप्त मतदान" प्रणाली को "खुली" मतदान प्रणाली से बदल दिया गया है, याचिका में जोड़ा गया है।
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भाजपा का आरोप- सरकार को विधायकों पर भरोसा नहीं
विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के लिए नियमों में बदलाव करने के बाद भाजपा ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार पर आरोप लगाए थे। भाजपा नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि महाराष्ट्र की MVA सरकार को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है, इसलिए वह गुप्त वोटिंग की बजाय सदन में हाथ खड़ा करवाकर वोट देने की अधिसूचना लेकर आई है।