सार
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 20 वें दिन भी जारी है। आंदोलित किसानों ने कहा है कि वह सरकार से बातचीत करेंगे लेकिन उनकी कुछ शर्तें होंगी। वहीं दूसरी ओर सिंधु बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स(RAF) की तैनाती कर दी गई है। सरकार ने कहा है कि अभी भी किसानों के पास बातचीत का आप्शन खुला है।
नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 20 वें दिन भी जारी है। आंदोलित किसानों ने कहा है कि वह सरकार से बातचीत करेंगे लेकिन उनकी कुछ शर्तें होंगी। वहीं दूसरी ओर सिंधु बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स(RAF) की तैनाती कर दी गई है। सरकार ने कहा है कि अभी भी किसानों के पास बातचीत का आप्शन खुला है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘बैठक निश्चित रूप से होगी, हम किसानों के साथ संपर्क में हैं।’उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है। किसान नेताओं को तय करके बताना है कि वे अगली बैठक के लिए कब तैयार हैं।
किसानों की 40 यूनियनों के साथ होगी बातचीत
प्रदर्शनकारी किसानों की 40 यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत की अगुवाई तोमर कर रहे हैं। इसमें उनके साथ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं। केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक हुई छह दौर की बातचीत बेनतीजा रही हैं। हांलाकि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति (AIKSCC) ने कहा कि वह कुछ शर्तों के साथ फिर से बातचीत के लिए तैयार है। पंजाब के ज्यादातर किसान तीन कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने का दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि फिर से बातचीत शुरू करने के लिए तीन आश्वासनों की जरूरत है।
ये हैं किसानों की तीन शर्तें!
पहली- बातचीत पुराने प्रस्तावों पर नहीं हो सकती है, जिसे कृषि संघ पहले ही खारिज कर चुके हैं। दूसरी- सरकार को एक नया एजेंडा तैयार करना चाहिए और तीसरा- बातचीत कृषि कानूनों को निरस्त करने पर केंद्रित होनी चाहिए।