भारतीय वायुसेना को बुधवार को 3 और राफेल मिल गए। भारत सरकार ने फ्रांस के साथ 2016 में 58 हजार करोड़ में 36 राफेल फाइटर जेट की डील की थी। इसके तहत 36 में से 30 फाइटर जेट्स होंगे और 6 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट होंगे। इससे पहले जुलाई में 5 राफेल भारत को मिले थे। ये सभी अंबाला एयरबेस पर तैनात हैं।

नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना में बुधवार शाम 3 और राफेल शामिल हो गए। भारत सरकार ने फ्रांस के साथ 2016 में 58 हजार करोड़ में 36 राफेल फाइटर जेट की डील की थी। इसके तहत 36 में से 30 फाइटर जेट्स होंगे और 6 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट होंगे। इससे पहले जुलाई में 5 राफेल भारत को मिले थे। ये सभी अंबाला एयरबेस पर तैनात हैं।

बताया जा रहा है कि राफेल विमानों की दूसरी खेप में 7,364 किमी. का सफर तय किया। ये सभी विमान रात 8:14 बजे गुजरात के जामनगर एयरबेस पर उतरे। समझौते के तहत फ्रांस अगले दो साल के भीतर सभी राफेल सौंपेगा। 

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हथियार प्रणाली
राफेल आधुनिक विमान है। इसकी हथियार प्रणाली पाकिस्तान के एफ-16 से ज्यादा शक्तिशाली और ताकतवर है। इसका रडार सिस्टम 84 किमी तक टारगेट को आसानी से डिटेक्ट करता है। यह 100 किमी दायरे में 40 टारगेट को एकसाथ डिटेक्ट कर सकता है। 

300 किलोमीटर दूर जमीन पर भी साध सकता है निशाना 
राफेल का मिसाइल सिस्टम काफी आधुनिक और बेहतर है। यह विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर सटीक निशाना साधने वाले हथियारों को अपने साथ ले जाने में सक्षम है। इसमें तैनात मीटिअर मिसाइल 150 किमी दूरी तक हवा में टारगेट पर सटीक निशाना लगा सकती है। मीटिअर से क्रूज मिसाइलों पर भी निशाना लगाया जा सकता है। इसमें लगीं स्कैल्प मिसाइलें 300 किमी दूर जमीन पर स्थित टारगेट पर भी सटीक निशाना लगा सकती हैं। इन मिसाइलों से विमान जमीन से हो रहे हमले से भी सुरक्षित रखती हैं। 

राफेल में ये चार खास हथियार लगाए गए हैं।

अन्य खासियतें

1- स्पीड - 2222 किमी/घंटा 
2- कितनी ऊंचाई तक भर सकता है उड़ान- 15,240 मीटर (50 हजार फीट)
3- मीटिअर मिसाइल: 150 किमी (हवा से हवा में)
4- स्कैल्प मिसाइल : 300 किमी (हवा से जमीन में)

सुरक्षित एयरस्पेस भेदने की क्षमता
राफेल में किसी भी सुरक्षित एयरस्पेस को भेदने की क्षमता है। इसे समझने के लिए भारतीय पायलटों को कम से कम 5-6 महीने की ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी।