सार
एअर इंडिया (Air India) ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि पिछले दो दिनों के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में गंतव्यों के लिए उड़ान संचालन प्रभावित हुआ है। हम संयुक्त राज्य अमेरिका में गंतव्यों के लिए जाने वाले या वहां से आने वाले अपने यात्रियों को सूचित करना चाहते हैं कि 21 जनवरी 2022 से सेवाएं सामान्य हो रही हैं।
नई दिल्ली। उत्तरी अमेरिकी में 5जी सेवा शुरू किए जाने के कारण एअर इंडिया ने बुधवार से भारत-अमेरिका की 14 फ्लाइट्स रद्द कर दी थीं। इनमें 8 उड़ानें बुधवार और 6 गुरुवार की थीं। लेकिन 21 जनवरी की रात 12 बजे से यह अमेरिका की उड़ानें सामान्य रूप से संचालित होने लगेंगी। एअर इंडिया ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी दी है। उसने कहा कि पिछले दो दिनों के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में गंतव्यों के लिए उड़ान संचालन प्रभावित हुआ है। हम संयुक्त राज्य अमेरिका में गंतव्यों के लिए जाने वाले या वहां से आने वाले अपने यात्रियों को सूचित करना चाहते हैं कि 21 जनवरी 2022 के प्रभावी 0001 बजे से यूएसए (USA) की सभी उड़ानों का संचालन सामान्य रूप से चालू हो जाएगा।
नेविगेशन सिस्टम के कारण लैंडिंग में था खतरा
बताया जा रहा है कि 5जी तकनीक के चलते लैंडिंग के दौरान नेविगेशन सिस्टम में खतरनाक व्यवधान पैदा हो सकता है। इसके चलते एयरलाइन ने अपनी फ्लाइट्स रद्द करने का फैसला किया था। डीजीसीए के मुताबिक वर्तमान में तीन एयरलाइंस भारत और अमेरिका के बीच सीधी उड़ानें संचालित कर रही हैं। इनमें अमेरिकन एयरलाइंस, डेल्टा एयरलाइंस और एयर इंडिया शामिल हैं। मंगलवार को अमेरिकी एयरलाइंस ने भी 5जी के कारण तकनीकी व्यवधान होने की बात कही थी। उसने कहा था कि 5जी तकनीक को रनवे से 2 मील दूर रखा जाना चाहिए।
5जी से विमानों को क्या दिक्कत
दरअसल, पूरा मामला अल्टीमीटर और 5जी से जुड़ा है। अल्टीमीटर की मदद से विमान और धरती के बीच की दूरी मापी जाती है। लैंडिंग के वक्त यह काफी महत्वपूर्ण होता है। अमेरिका में वेरिजोन और एटीएंडटी ने 19 जनवरी को 5G लॉन्च किया है। माना जा रहा है कि 5G सेवाओं की लॉन्चिंग से विमानों की ऊंचाई को मापने वाला अल्टीमीटर प्रभावित होगा। इससे हवा में दो विमानों के आपस में टकराने का खतरा रहेगा। ऐसा एक मामला कल सामने भी आया था। दरअसल, 5G की वजह से अल्टीमीटर पर सूचनाएं प्रभावित होने का खतरा है। लैंडिंग के वक्त यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। बताया जा रहा है कि 5जी की बैंड फ्रीक्वेंसी और अल्टीमीटर की रेडिया फ्रीक्वेंसी काफी करीब हो रही है। इस वजह से खतरा बढ़ गया है। हालांकि, एयरलाइंस के विरोध के बाद कंपनियों ने 5जी को रनवे से दूर कर लिया है।
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