सार

एक्सपर्ट कमेटी के मुताबिक केरल की झांकी की संरचना, डिजाइन और हर पैमाने के साथ समझौता किया गया था। इसमें इस्तेमाल किया गया ट्रैक्टर डिजाइन हर प्रेजेंटेशन के वक्त बदला गया। इन कारणों की वजह से झांकी ग्रेडिंग और चयन के लिए मेरिट के पैमाने में नीचे चली गई। 

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस (Republic day) पर दिल्ली में होने वाली परेड में शामिल होने वाली झांकियों को शामिल न करने को लेकर कुछ राज्यों ने आपत्ति जताई है। केरल सरकार ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर राजनीतिक कारणों से झांकी को शामिल नहीं करने का आरोप लगाया है। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि झांकियों को शामिल न करने को लेकर कोई राजनीतिक कारण नहीं है, लेकिन राज्य इसे राजनीतिक एजेंडे के रूप में तूल दे रहे हैं। केरल ने अपनी झांकी के डिजाइन तीन बार बदले। लेकिन कोई भी डिजाइन पैमाने पर खरी नहीं उतरी। 

तीन बार बदला डिजाइन, हर बार किसी पैमाने पर खरी नहीं उतरी
झांकियों को शामिल न करने को लेकर बढ़ी राजनीति के बीच एशियानेट न्यूज ने उस एक्सपर्ट कमेटी से जानकारी जुटाई, जो इन्हें शामिल करने और न करने का निर्णय लेती है। इसमें सामने आया कि केरल की झांकी चयन समिति के पैमाने पर खरी नहीं उतरी, इसलिए उसे लिस्ट से बाहर किया गया है। एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक केरल की झांकी को सिलेक्शन के लिए रखा गया था लेकिन यह अंतिम चरण में रिजेक्ट हो गई। कमेटी के मुताबिक केरल की झांकी की संरचना, डिजाइन और हर पैमाने के साथ समझौता किया गया था। इसमें इस्तेमाल किया गया ट्रैक्टर डिजाइन हर प्रेजेंटेशन के वक्त बदला गया। इन कारणों की वजह से झांकी ग्रेडिंग और चयन के लिए मेरिट के पैमाने में नीचे चली गई। जानें, कमेटी ने इसे लिस्ट से हटाने की क्या वजहें बताईं...

वजह, जिनके कारण केरल की झांकी परेड से हटाई गई 

1- केरल की झांकी की थमी टूरिज्म@75 रखी गई थी, लेकिन इसका डिजाइन और अवधारणा बहुत अधिक सजीव अभिव्यक्तिशील नहीं थी। 

2- इसकी शुरुआती ड्राइंग में ट्रैक्टर और ट्रेलर दोनों पर जटायु का चित्रण किया गया है, लेकिन यह बहुत ही नीरस और एक जैसे लग रहे थे। 

3- झांकी के मॉडल के प्रेजेंटेशन के वक्त जटायु के आर्ट वर्क का प्रारंभिक डिजाइन असंगत लग रहा था।  

4- केरल की झांकी में लिए गए रंग इतने आकर्षक नहीं थे और यह राज पथ की परेड में प्रदर्शन के वक्त धुंधले नजर आते।   

5- राजपथ पर आने वाले दर्शकों के हिसाब से ट्रेलर वाले हिस्से पर मेंढक का डिजाइन बहुत स्पष्ट और विशिष्ट नहीं था। यह चील की आंखों के डिजाइन जैसा था। 

6- ट्रैक्टर का हिस्सा भी बहुत प्रभावशाली नहीं था। ट्रैक्टर पर नारायण गुरु और आदि शंकरा, दोनों को दिखाने का प्रयास किया गया। लेकिन झांकी का पूरा डिजाइन और प्रेजेंटेशन कोई संदेश नहीं दे रहे थे, जो आमतौर पर एक झांकी से दिए जाते हैं।  

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