देश में बढ़ते हुए कोरोना के मामलों के चलते मरीजों को ऑक्सीजन संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार हर तरीके से इससे निपटने में जुटी है। अब हवाई और रेल के बाद समुद्र के रास्ते से ऑक्सीजन भारत पहुंची है। 

नई दिल्ली. देश में बढ़ते हुए कोरोना के मामलों के चलते मरीजों को ऑक्सीजन संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार हर तरीके से इससे निपटने में जुटी है। अब हवाई और रेल के बाद समुद्र के रास्ते से ऑक्सीजन भारत पहुंची है। 

यूएई ने भारत को 7 लिक्विड ऑक्सीजन के सिलेंडर भेजे हैं। यह यूएई से समुद्र के रास्ते गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पहुंचे। यहां से रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए इन्हें बिना देर किए तुरंत दिल्ली समेत उत्तर भारत के अन्य राज्यों में आपूर्ति के लिए भेजा। 

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विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया, हमारी व्यापक सामरिक भागीदारी को मजबूत करते हुए 140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के साथ 7 टैंकर मुंद्रा पोर्ट पहुंचे। यह ऑक्सीजन का इस तरह का पहला शिपमेंट है। संयुक्त अरब अमीरात से समर्थन के लिए आभार। यह भारत में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने में मदद करेगा। 

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यह यूएई से मदद की दूसरी खेप 
ऑक्सीजन के रूप में यह यूएई से मदद की दूसरी खेप भारत पहुंची है। इससे पहले 29 अप्रैल को यूएई ने 157 वेंटिलेटर, 480 BiPAP डिवाइस और अन्य मेडिकल उपकरण भेजे थे। इससे पहले अडानी ग्रुप ने कैली एनर्जी के दुबई दफ्तर से 18 ऑक्सीजन सिलेंडर लिए थे, जिन्हें भारतीय वायुसेना द्वारा एयरलिफ्ट किया गया। 

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