सार

भारत सरकार कोरोना के खिलाफ जंग को तेज करते हुए दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चला रही है। दो महीने अब तक 3.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। अभी 60 साल के ऊपर के लोगों और 45 साल से अधिक उम्र के बीमार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।

नई दिल्ली. भारत सरकार कोरोना के खिलाफ जंग को तेज करते हुए दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चला रही है। दो महीने अब तक 3.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। अभी 60 साल के ऊपर के लोगों और 45 साल से अधिक उम्र के बीमार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। LocalCircles से बातचीत में लोगों ने दावा किया है कि जो लोग इस दायरे में नहीं आते वे भी वैक्सीन लगवाने के लिए नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। 

पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगवाई गई थी। कुछ लोगों का दावा है कि इस दौरान हेल्थवर्कर्स के परिवार के कुछ सदस्यों को भी वैक्सीन लगवाई गई।

वैक्सीन वायल खुलने के चार घंटे तक रहती है सही

यह बताया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन की की वायल एक बार खुल जाती है, तो उसका चार घंटे में पूरा लगना जरूरी है। नहीं तो वह बेकार हो जाती है। कोविशील्ड की एक वायल 5 एमएल की होती है। इसमें 10 डोज होते हैं। वहीं, कोवैक्सिन की एक वायल 10 एमएल की होती है। इसमें 20 डोज होती हैं। एक बार वायल खुलने के बाद चार घंटे में पूरी वायल लगना जरूरी है। लोगों का कहना है कि जब वायल पूरी नहीं लग पाती तो वैक्सीन प्रशासक अपने दोस्तों और परिजनों को बुलाकर वैक्सीन की बाकी डोज लगा देते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे में क्राइटेरिया को पूरा करने के लिए गलत तरीके से इन लोगों को हेल्थ वर्कर्स बताया जाता है।  

जब ये समस्याएं सामने आईं तो लोगों से इन्हें खत्म करने के लिए सुझाव के बारे में भी बात की गई। ताकि देश में वैक्सीनेशन तेजी से हो सके। ऐसे में एक सर्वे किया गया ताकि वैक्सीन प्रोसेस में गड़बड़ियों का पता लग सके और उनको खत्म करने के लिए सुझाव मिल सकें। इस सर्वे में करीब 19 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। 281 जिलों में हुए इस सर्वे में 68% पुरुष और 32% महिलाएं थीं।

- 30% लोगों का कहना है कि कुछ हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स गलत तरीके से लोगों को बीमार बताकर या हेल्थ-फ्रंटलाइन वर्कर्स बताकर वैक्सीन के लिए योग्य दिखा रहे।

सर्वे में लोगों से यह जानने के लिए की कोशिश की गई कि क्या उन्होंने वैक्सीनेशन के दौरान किसी तरह की गड़बड़ियों को देखा। इसके जवाब में 70% लोगों ने कहा कि उन्हें ऐसा कुछ पता नहीं चला। वहीं, 15% लोगों ने कहा कि उन्होंने यह पाया है कि कुछ हेल्थ प्रोफेशनल्स गलत तरीके से लोगों को बीमार बताकर या उन्हें हेल्थ वर्कर्स या फ्रंटलाइन वर्कर्स बताकर वैक्सीन के लिए योग्य बता रहे हैं। वहीं, 3% लोगों ने कहा कि इसके लिए कुछ पैसे भी चार्ज किए जा रहे हैं। वहीं, 12% लोगों ने भी किसी ना किसी तरह से होने वाली गड़बड़ियों की बात मानी। इस सवाल पर 10,277 लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। 

जिन लोगों ने वैक्सीन में अनिमितताओं को महसूस किया, उनमें से 73% लोगों का दावा- कुछ हेल्थ प्रोफेशनल गलत तरीके से लोगों को बीमार बताकर या हेल्थ-फ्रंटलाइन वर्कर्स बताकर वैक्सीन के लिए योग्य दिखा रहे


- 75% लोगों ने कहा कि सरकार 18 साल के ऊपर सभी के लिए प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर खोले, जिसमें अतिरिक्त पैसा देकर वैक्सीन लगवाई जा सके

यह भी सामने आया है कि कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम के शुरू होने के बाद डोज के बर्बाद होने का भी मामला सामने आया है। 8 मार्च तक जयपुर में वैक्सीन की 1.63 लाख डोज बर्बाद हुई हैं। जबकि महाराष्ट्र में करीब 3.2% वैक्सीन डोज बर्बाद हुई हैं। कुछ लोगों के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन डोज की बर्बादी समस्या है। इससे जल्द ही निपटा जाना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों ने अलग ही सुझाव दिया। 

लोगों के सुझाव के मुताबिक, सरकार को प्राइवेट हॉस्पिटल या लैब  में वैक्सीनेशन शुरू करना चाहिए। जहां सीधे तौर पर जाकर या अपोइंमेंट लेकर शाम को 6 बजे के बाद कुछ अतिरिक्त पैसा देकर वैक्सीन लगवाई जा सके। लोगों का कहना है कि इससे जल्द वैक्सीनेशन पूरा होगा। जो अतिरिक्त चार्ज है, वह अतिरिक्त काम के लिए हेल्थ वर्कर्स के खर्चे के तौर पर लिया जाए। लोगों के मुताबिक, इससे वैक्सीन बर्बाद भी नहीं होगी। 

लोगों से पूछा गया कि क्या सरकार को 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए प्राइवेट अस्पताल या लैब में कुछ अतिरिक्त पैसे लेकर शाम 6 बजे के बाद वैक्सीनेशन शुरू कराना चाहिए। 75% लोगों ने हां कहा। वहीं, 19% लोगों ने नहीं कहा। वहीं, 6% लोगों ने कहा कि कुछ कह नहीं सकते। इस प्रश्न का उत्तर 8679 लोगों ने दिया। 

LocalCircles poll में  लोगों से यह भी जाना गया कि वैक्सीन के लिए वे कितने रुपए खर्च कर सकते हैं। ज्यादातर लोग 600 रुपए तक वैक्सीन लगवाने के लिए राजी हैं। यानी प्राइवेट सेंटर में शाम 6 बजे के बाद 600 रुपए में वैक्सीन लगवाना उचित है। जबकि अभी वैक्सीन के लिए प्राइवेट सेंटरों पर 500 रु चार्ज किए जा रहे हैं।