सार

यूपी में दंगाइयों, अपराधियों, माफियाओं और पत्थरबाजों के घरों पर सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर चले बुलडोजर के बाद मध्यप्रदेश और दिल्ली में भी बुलडोजर जस्टिस काफी चर्चा में रहा। बुलडोजर बाबा और बुलडोजर मामा के बाद अब राजस्थान में एक और स्लोगन सुर्खियों में है।   

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद अब राजस्थान में बुलडोजर बाबा (bulldozer baba) और बुलडोजर मामा (bulldozer Mama) के बाद एक और स्लोगन चर्चा में है। दरअसल, राजस्थान में अगले साल यानी 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी अब वहां भी अब बुलडोजर लहर पर सवार होकर चुनाव जीतना चाहती है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इसे गलत ठहराते हुए बुलडोजर की राजनीति पर कड़ी आपत्ति जताई है।

आखिर क्या है ये नया स्लोगन : 
यूपी में बुलडोजर बाबा (bulldozer baba) यानी योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और एमपी में बुलडोजर मामा यानी शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की दंगाइयों और पत्थरबाजों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद अब राजस्थान में 'बुलडोजर जस्टिस' (Bulldozer Justice) चर्चा में है। दरअसल, राजस्थान में बुलडोजर जस्टिस उस वक्त काफी चर्चा में आया, जब वहां बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया यूपी चुनाव में बीजेपी की जीत के फौरन बाद एक बड़े काफिले के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान सतीश पुनिया ने बुलडोजर को कानून व्यवस्था का प्रतीक मानते हुए कहा था- बुलडोजर लॉ एंड ऑर्डर बहाल करने का संदेश है। यह संकल्प और समर्पण का प्रतीक भी है। 

कांग्रेस ने की बुलडोजर जस्टिस की निंदा : 
सतीश पुनिया के बयान से ये साफ हो गया था कि बीजेपी 2023 के विधानसभा चुनाव में 'बुलडोजर जस्टिस' के नारे के साथ आगे बढ़ेगी। हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने बुलडोजर जस्टिस को गलत बताया। दरअसल, मध्यप्रदेश में रामनवमी के जुलूस पर पत्थरबाजी करनेवालों के घरों पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बुलडोजर चलवाया था। इस पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बुलडोजर जस्टिस की निंदा करते हुए कहा था कि गरीबों के घर गिराने की ताकत न तो मुख्यमंत्री और न ही प्रधानमंत्री के पास है। गहलोत ने कहा था- आप बिना किसी जांच और दोषी का पता लगाए बिना किसी के घर को कैसे उजाड़ सकते हैं? 

फिर गहलोत सरकार ने तोड़ा 300 साल पुराना मंदिर : 
राजनीतिक बयानबाजी के बीच राजस्थान की गहलोत सरकार ने अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर पर बुलडोजर चलवाकर उसे तोड़ दिया। इतना ही नहीं, राजस्थान सरकार ने 'बुलडोजर जस्टिस' का इस्तेमाल करते हुए राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर लीक मामले के आरोपी रामकृपाल मीणा के एसएस कॉलेज और एसएस पब्लिक स्कूल की चार मंजिला इमारत को तोड़ दिया। इसके पहले राजस्थान के चुरू में सालासर हनुमान मंदिर के प्रवेश द्वारा को भी बुलडोजर से गिरा दिया गया था। इन सब मामलों के बाद राजस्थान में 'बुलडोजर जस्टिस' का मुद्दा और चर्चा में आ गया और बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी के नेता अपने-अपने भाषण में इसका इस्तेमाल करने लगे।  

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