सार

एमपी ई उपार्जन में अगर आपने तब रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो जल्द कर लें, क्योंकि इससे आवेदन की लास्ट डेट करीब आ गई है। लेकिन अगर आपने अब तक नहीं किया है, तो परेशान न हों, हम आपको आसान भाषा में समझाने जा रहे हैं कि किस तरह से करें रजिस्ट्रेशन। 
 

एग्रीकल्चर डेस्क : अगर आप अपनी गेहूं की फसल पर प्रति क्विंटल दो हजार रुपये कमाना चाहते हैं, तो एमपी ई उपार्जन की बेवसाइट पर जाकर तत्काल रजिस्ट्रेशन करें। क्योंकि आवेदन करने के लिए चंद दिन बचे हैं। आवेदन करने की लास्ट डेट 5 मार्च है। लेकिन अगर आपने अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है। तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आज हम आपको रजिस्ट्रेशन करने के प्रोसेस को आसान भाषा में बताने जा रहे हैं।  आइए जानते हैं...

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इन डॉयूमेंट्स की होगी जरूरत
⦁    जमीन की बही, आधार कार्ड, बैंक पासबुक,बैंक एकाउंट से आधार कार्ड लिंक हो।
⦁    किसान का पंजीयन उसी स्थिति में होगा, जब भू.अभिलेख में दर्ज खाते खसरा आधार कार्ड का मिलान हो।

ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
⦁    सबसे पहले आप एमपी ई उपार्जन पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट http://mpeuparjan.nic.in/WPMS2022/MainPage.aspx  पर जाएं।
⦁    इसके बाद पर होम पेज पर मौजूद रबी 2022-23 के लिंक पर क्लिक करें। 
⦁    इसके बाद किसान पंजीयन आवेदन सर्च की लिंक खुलेगी, उस पर क्लिक करें।
⦁    एक पेज ओपेन होगा, उसमें मांगी गई जानकारी भरें और सबमिट के बटन पर क्लिक करें। 
⦁    रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालकर सबमिट करें। किसान की रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा।
⦁    इसे आप डाउनलोड भी कर लें। 

नहीं मिलेगा मैसेज
इस साल किसानों को मोबाइल पर उपज खरीदी का मैसेज नहीं प्राप्त होगा। फसल बेचने के लिए उपार्जन केन्द्र तिथि एवं समय स्लॉट का चयन किसान सात मार्च से 20 मार्च तक कर सकते हैं। स्लॉट का चयन खरीद शुरू होने की तारीख से एक सप्ताह पहले तक किया जा सकेगा।

आधार नंबर का वेरिफिकेशन अनिवार्य
रजिस्ट्रेशन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन जरूर है। दरअसल. रजिस्ट्रेशन करवाते समय आपके मोबाइल नंबर एक ओटीपी आएगा। इसके अतिरिक्त  भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा।

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e-Uparjan की प्रक्रिया के अंतर्गत आते है 6 चरण 
⦁    e-Uparjan ऑनलाइन पंजीयन
⦁    सन्देश द्वारा खरीदी जानकारी देना
⦁    उपार्जन केंद्र से किसान की खरीदी
⦁    खरीदे गए अनाज का परिवहन
⦁    परिवहन किये गए अनाज का गोदाम में संग्रहण
⦁    किसान के बैंक खाते में सीधे भुगतान

गौरतलब है कि पहले किसान मंडियों में अपनी फसल को बेच देते हैं, जिससे किसानों को नुकसान होता है। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार की इस पहल से राज्य के किसान घर बैठे आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और अपनी फसल सरकार को सीधे बेच सकते हैं। अगर गेहूं की बात करें तो इससे किसानों को प्रति क्विंटल दो हजार रुपये का लाभ होगा।

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