सार

अहमदाबाद में एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कूरियर के नाम पर हुए फ़ोन कॉल के झांसे में आ गया और १ लाख रुपये गंवा बैठा। फ़ोन पर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए उसने अनजाने में ठगों को पैसे ट्रांसफर कर दिए।

अहमदाबाद। क्या आपको ऐसा फोन आया है, जिसमें कहा जाए कि आपका कोरियर आया है। यह आपको नहीं मिला है? बहुत से लोग ऐसा फोन आना आम बात समझते हैं और कॉल करने वाले व्यक्ति द्वारा कही गई बातों के अनुसार फोन के बटन दबाने लगते हैं। बिना यह सोचे की इसमें खतरा हो सकता है। अहमदाबाद के 26 साल के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के साथ ऐसा ही हुआ। उसने फोन पर बनाए अनुसार अपने मोबाइल में 1 दबाया और 1 लाख रुपए गंवा दिए।

घाटलोडिया में रहने वाला पीड़ित युवक सिंधु भवन रोड पर एक निजी फर्म में काम करता है। उन्हें जब पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है तब सोला पुलिस थाना जाकर शिकायत दी। बताया कि उन्हें ऑटोमेटेड कॉल आया था। इसमें एक कूरियर के न पहुंचने की सूचना दी गई थी। आईवीआर सिस्टम पर भरोसा करते हुए उन्होंने निर्देशानुसार ‘1’ दबाया। इसके बाद उनका संपर्क एक व्यक्ति से हुआ। उसने दावा किया कि उसके पास चेन्नई से मुंबई भेजे गए पार्सल के बारे में जानकारी है।

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर धमकाया, वसूल लिए 1 लाख रुपए 

घोटालेबाज ने पीड़ित को विश्वास में लेने के लिए उसके आधार कार्ड की जानकारी दी। इसके बाद कॉल मुंबई क्राइम ब्रांच के सुनील दत्त के रूप में पेश किए गए व्यक्ति को ट्रांसफर कर दिया गया। इस नकली अधिकारी ने बताया कि उसके पार्सल में छह बैंक कार्ड हैं। वह अब वित्तीय अपराधों के लिए डिजिटल अरेस्ट के तहत है।

पीड़ित को फर्जी अधिकारी ने और डराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी किया गया फर्जी गिरफ्तारी वारंट दिखाया। पीड़ित के दबाव में आने पर उसकी बात खलीम अंसारी नाम के एक अन्य घोटालेबाज से कराई गई। उसने खुद को वकील बताया था। उनके निर्देशों का पालन करते हुए पीड़ित ने अपनी पूरी बचत 1 लाख रुपए उनके बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी।

ऐसी ठगी से खुद को कैसे बचाएं?

  • कॉल करने वाले की पहचान सत्यापित करें: फोन करने वाले व्यक्ति पर कभी सिर्फ इस बात के लिए विश्वास नहीं करें कि उसके पास आपके बारे में कुछ खास जानकारी है। आधिकारिक चैनल्स के माध्यम से कॉलर की पहचान सत्यापित करें।
  • ऑटोमेटेड कॉल पर बटन दबाने से बचें: किसी भी अनजाने ऑटोमेटेड कॉल पर बटन दबाने से बचें।
  • दबाव की रणनीति से सावधान रहें: घोटालेबाज अक्सर आपको जल्दी फैसला लेने के लिए कहते हैं। ऐसे में जल्दबाजी ठीक नहीं। सोचने के लिए अपना समय लें।
  • अधिकारियों से तुरंत संपर्क करें: यदि आपको कुछ गड़बड़ लगे तो बिना देर किए अपने स्थानीय साइबर अपराध हेल्पलाइन पर कॉल करें।

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