सार
नई दिल्ली। भारत के NSA (National Security Advisor) अजीत डोभाल सोमवार से फ्रांस की दो दिन की यात्रा करने वाले हैं। इस दौरान वह फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale Fighter Jets) की खरीद को लेकर बात करेंगे।
इससे पहले फ्रांस ने राफेल डील (Rafale deal) को लेकर फाइनल प्राइस ऑफर किया है। भारत की कोशिश है कि इस साल के अंत तक राफेल को लेकर डील कर ली जाए। मामला कीमत को लेकर अटका हुआ है।
फ्रांस से 26 राफेल एम फाइटर जेट खरीदेगा भारत
भारत फ्रांस से 26 राफेल एम फाइटर जेट खरीदने जा रहा है। इसका इस्तेमाल इंडियन नेवी अपने एयर क्राफ्ट कैरियर पर करेगी। इस समय नौसेना के पास रूस से खरीदे गए MiG-29K लड़ाकू विमान हैं। भारत के एयर क्राफ्ट कैरियर की संख्या एक से बढ़कर दो हो गई है, जिससे नए लड़ाकू विमानों की जरूरत है।
भारत को 22 एक सीट वाले और 4 दो सीट वाले राफेल एम विमान चाहिए। राफेल मुख्य रूप से एक सीट वाला फाइटर जेट है। इसके दो सीट वाले वर्जन का इस्तेमाल नए पायलट को ट्रेनिंग देने के लिए होता है। DAC (Defence Acquisition Council) ने पहले ही 26 राफेल एम विमान खरीदने को मंजूरी दे दी है।
स्वदेशी मिसाइलों को भी फायर करेगा राफेल एम
भारत ने फ्रांस से कहा है कि राफेल एम स्वदेशी हथियारों को शामिल करने लायक होना चाहिए। इसे अस्त्र और रुद्रम एंटी-रेडिएशन मिसाइलों से लैस किया जाएगा। अस्त्र हवा से हवा में लंबी दूरी तक मार करने वाली मिलाइल है। वहीं, रुद्रम हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है। इसका काम रडार जैसे बेहद महत्वपूर्ण टारगेट को खत्म करना है।
भारत ने पहले फ्रांस से वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदे थे। नौसेना सौदे में भारतीय वायु सेना की कुछ आवश्यकताओं को भी शामिल किया गया है। इसमें लगभग 40 ड्रॉप टैंक और विमानों के लिए कुछ वर्क स्टेशन शामिल होंगे। भारत को अधिक संख्या में लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली Meteor मिसाइलें भी चाहिए।
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