सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' ने 3 अक्टूबर को 10 साल पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर उन्होंने श्रोताओं को कार्यक्रम का “असली एंकर” बताया और सकारात्मकता के प्रसार में उनकी भूमिका की सराहना की।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann ki Baat) के 3 अक्टूबर को दस साल पूरे होने हैं। इस अवसर पर उन्होंने प्रोग्राम के श्रोताओं को “असली एंकर” बताया।
नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 114वें एपिसोड में देशवासियों के साथ अपने विचार शेयर किए। उन्होंने कहा, “मन की बात की हमारी इस यात्रा को 10 साल पूरे हो रहे हैं। 10 साल पहले 'मन की बात' की शुरुआत 3 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन हुआ था। इस साल 3 अक्टूबर को जब 'मन की बात' के 10 साल पूरे होंगे तब नवरात्रि का पहला दिन होगा।"
करोड़ों श्रोताओं का निरंतर सहयोग मिला
पीएम ने कहा, "मन की बात की इस लंबी यात्रा के कई ऐसे पड़ाव हैं, जिन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता। मन की बात के करोड़ों श्रोता हमारी इस यात्रा के ऐसे साथी हैं, जिनका मुझे निरंतर सहयोग मिलता रहा। देश के कोने-कोने से उन्होंने जानकारियां उपलब्ध कराई। मन की बात के श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं।"
उन्होंने कहा, "एक आम धारणा इतनी गहरी हो गई है कि जब तक मसालेदार या नकारात्मक बातें न हों तब तक उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। मन की बात ने साबित कर दिया है कि देश के लोग सकारात्मक जानकारी के कितने भूखे हैं। लोगों को सकारात्मक कहानियां, प्रेरक उदाहरण बहुत पसंद आती हैं।"
पीएम ने कहा, "मन की बात की 10 साल की यात्रा ने एक तरह की माला बना दी है, जिसमें हर एपिसोड में नई गाथाएं, नए कीर्तिमान और नई शख्सियतें जुड़ती हैं। हमारे समाज में सामूहिकता की भावना से जो भी काम हो रहा है, उसे "मन की बात" के माध्यम से पहचान मिलती है। जब मैं "मन की बात" के लिए आने वाली चिट्ठियां पढ़ता हूं, तो मेरा दिल भी गर्व से भर जाता है।"
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