सार

दुनिया में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़ने वालों में पीएम मोदी सबसे आगे हैं। यह हम नहीं, बल्कि अमेरिका की ग्लोबल डेटा इंटेलिजेंस कंपनी मॉर्निंग कनसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस ने बताया है। 

नई दिल्ली. दुनिया में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़ने वालों में पीएम मोदी सबसे आगे हैं। यह हम नहीं, बल्कि अमेरिका की ग्लोबल डेटा इंटेलिजेंस कंपनी मॉर्निंग कनसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस ने बताया है। इसके मुताबिक, 14 अप्रैल को पीएम मोदी का 68 अप्रूवल प्वॉइंट्स हैं, जो कि साल की शुरुआत में 62 था। यानी मोदी की लोकप्रियता में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को माइनस 3 अप्रूवल रेटिंग मिली है। इस रेटिंग के लिए 1 जनवरी 2020 से 14 अप्रैल 2020 तक लोगों से दुनिया के दूसरे नेताओं से संबंधित सवाल पूछे गए। जैसे की इस संकट की घड़ी में किस नेता ने सबसे अच्छा काम किया है? किस नेता पर कितना भरोसा है? किस नेता की रणनीति उन्हें पसंद आई? हर रोज औसत 447 इंटरव्यू लिए गए। 

ट्रम्प सहित चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भी अप्रूवल प्वॉइंट घटे हैं

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रेटिंग जनवरी में माइनस 10 थी, जो 14 अप्रैल तक माइनस 3 पर पहुंच गई। वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भी प्वॉइंट्स घटे हैं। इसके पीछे बड़ी वजह है कि चीन विवादों के घेरे में है। चीन पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने कोरोना से जुड़ी जानकारियां छिपाई हैं।

दूसरे नंबर पर मेक्सिको के राष्ट्रपति
लोकप्रियता में दूसरे नंबर पर मेक्सिको के राष्ट्रपति एन्ड्रेस मैनुअल लूपेज ओब्रेडोर है। उनके अप्रूवल प्वॉइंट्स 36 प्रतिशत हैं। हालांकि यह जनवरी में 39 थी, जो कि कम हुई है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की लोकप्रियता बढ़ी है। उनके अप्रूवल प्वॉइंट्स 26 हैं। जो कि 1 जनवरी को माईनस 26 थी। मॉर्निंग कंसल्टिंग के आंकड़ों से पता चलता है कि सर्वेक्षण किए गए सभी दस देशों में जापान के आबे की सबसे कम रेटिंग माइनस 33 पर है। जनवरी में उनकी रेटिंग माइनस 18 थी। कुछ नेताओं की लोकप्रियता में शानदार वृद्धि देखी गई है। विशेष रूप से जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की रेटिंग मार्च की शुरुआत से 11 अंक बढ़कर 79 हो गई।  

क्यों बढ़ी पीएम मोदी की लोकप्रियता?
पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ने के पीछे एक वजह उनकी कोरोना के खिलाफ लड़ने की प्लानिंग और तैयारी है। उन्होंने 25 मार्च को देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इसके बाद देश में 21 दिन का लॉकडाउन रहा। उसके बाद फिर से 19 दिन का लॉकडाउन बढ़ाया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बताया था कि लॉकडाउन बढ़ाने से देश में कोरोना के केस में कमी आई है। 

पीएम ने सार्क देशों के प्रतिनिधियों से की थी बात
कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं को एकजुट करने की भी कोशिश की थी। उन्होंने सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक में भाग लिया। इतना ही नहीं, उन्होंने मलेरिया की दवा से प्रतिबंध हटा लिया, इससे भी वैश्विक स्तर उनकी लोकप्रियता बढ़ी। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ की थी।