सार
केंद्र सरकार और प. बंगाल की सरकार एक बार फिर आमने-सामने है। दरअसल, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के मुद्दे पर एक बार गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जवाब दिया है।
नई दिल्ली/कोलकाता. केंद्र सरकार और प. बंगाल की सरकार एक बार फिर आमने-सामने है। दरअसल, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के मुद्दे पर एक बार गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जवाब दिया है।
अमित शाह बुधवार को राज्यसभा में विपक्षी पार्टियों का जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एनआरसी का भी जिक्र किया। शाह ने कहा कि पूरे देश में एनआरसी लागू होगी। किसी को भी अपने धर्म की वजह से डरने की जरूरत नहीं है।
राज्य में लागू नहीं होने देंगे एनआरसी- ममता
इस पर ममता बनर्जी ने कहा, तृणमूल सरकार प.बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी को भी नागरिकता बिल लागू नहीं करने देगी और ना ही राज्य में सांप्रदायिक आधार पर लोगों का बंटवारा होने देगी।
असम में फाइनल लिस्ट से 19 लाख लोग बाहर
असम में सितंबर में एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की गई थी। इसमें 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं। एनआरसी लागू करने का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश समेत अन्य जगहों से आए अवैध घुसपैठियों को बाहर करना था, जो 25 मार्च 1971 के बाद भारत में आए।
जिनके नाम लिस्ट में नहीं, वे अपील करें
अमित शाह ने कहा कि जिन 19 लाख लोंगो के नाम लिस्ट में शामिल नहीं हैं। उन्हें घबराने की जरूरत नहीं हैं। वे ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं। तहसील स्तर पर ट्रिब्यूनल बनाए गए हैं। जिनके पास अपील करने के लिए पैसा नहीं है, असम सरकार उनकी भी मदद कर रही है, जिससे वे ट्रिब्यूनल जा सकें। वकील का भी खर्च सरकार देने के लिए तैयार है।