सार

केएम करियप्पा का जन्म 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में हुआ था। फील्ड मार्शल करियप्पा ने 20 साल की उम्र में ब्रिटिश भारतीय सेना में नौकरी शुरू कर दी थी। करियप्पा ने 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया। 

नई दिल्ली.  15 जनवरी को देश में आर्मी डे (Army Day 2022) मनाया जाता है। 74वें सेना दिवस पर तीनों सेनाओं के प्रमुख ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane), वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर.चौधरी (Air Chief Marshal VR Chaudhari) और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar ) ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) पर श्रद्धांजलि दी। लेकिन क्या आप जानते हैं ये दिन क्यों और कब से मनाया जाता है।

 

 

क्यों मनाया जाता है आर्मी डे
15 जनवरी, 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन ‘आर्मी डे’ के रूप में मनाया जाता है।

कौन हैं केएम करियप्पा 
केएम करियप्पा का जन्म 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में हुआ था। फील्ड मार्शल करियप्पा ने 20 साल की उम्र में ब्रिटिश भारतीय सेना में नौकरी शुरू कर दी थी। करियप्पा ने 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया।  उन्हें भारत-पाक स्वतंत्रता के समय दोनों देशों की सेनाओं को विभाजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। करियप्पा 1953 में सेना से सेवानिवृत्त हुए। बाद में, उन्होंने 1956 तक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भारत के उच्चायुक्त के रूप में काम किया। भारत सरकार ने उन्हें 1986 में 'फील्ड मार्शल' के पद से सम्मानित किया।

ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय आर्मी का गठन 1776 में कोलकाता में किया था, तब इस आर्मी में अंग्रेजों की संख्‍या अधिक और भारतीयों की कम थी, उस समय भारतीयों को अधिकारी पद पर नहीं रखा जाता था। जब करियप्पा सेना प्रमुख बने तो, भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। वहीं आज भारतीय सेना में करीब 12,00,255 सक्रिय सैनिक हैं।

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