सार
अरविंद केजरीवाल 21 मार्च को ईडी द्वारा अरेस्ट किए गए थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री पर रद्द की गई नई आबकारी पॉलिसी से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस का आरोप है।
Arvind Kejriwal interim bail: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ईडी ने पुरजोर विरोध किया लेकिन बेंच ने साफ कहा कि केजरीवाल एफआईआर दर्ज होने के बाद भी डेढ़ साल तक बाहर रहे हैं। ऐसे में 21 दिनों में कहीं से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। बेंच के इस तर्क पर ईडी बगले झांकने लगी।
अरविंद केजरीवाल 21 मार्च को ईडी द्वारा अरेस्ट किए गए थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री पर रद्द की गई नई आबकारी पॉलिसी से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस का आरोप है। अपनी गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए गिरफ्तार को अवैध बताया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई दिनों तक सुनवाई करते हुए ईडी से कई कड़े सवाल किए। ईडी के जवाबों से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का निर्णय लिया था। कोर्ट ने साफतौर पर कहा था कि केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए वह अंतरिम राहत देगा। हालांकि, ईडी ने इसका पुरजोर विरोध किया लेकिन ईडी के तर्क बेंच के सामने टिक न सके।
सुप्रीम कोर्ट बेंच का महत्वपूर्ण बयान...
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए जमानत दे दी। बेंच ने कहा: केजरीवाल को 21 दिन की अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। 21 दिन यहां या वहां से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।
- हम अंतरिम आदेश पारित कर रहे हैं, उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत दे रहे हैं। वह 2 जून को सरेंडर करेंगे।
- ईडी की प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी जबकि मुख्यमंत्री को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।
- केजरीवाल डेढ़ साल तक दिल्ली में ही थे। उन्हें पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव के वक्त गिरफ्तार किया गया।
- जमानत की शर्तें आप नेता संजय सिंह के समान होंगी, जिन्हें पिछले महीने मामले के सिलसिले में जमानत दी गई थी।
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