सार
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने के बाद भारत ने यूनाइटेड किंगडम से सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 31 दिसंबर तक रहेगा। बता दें कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि ब्रिटेन से सभी उड़ानों पर रोक लगा दी जाए। ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन VUI-202012/01 मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पहले से ज्यादा संक्रामक है।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने के बाद भारत ने यूनाइटेड किंगडम से सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 31 दिसंबर तक रहेगा। बता दें कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि ब्रिटेन से सभी उड़ानों पर रोक लगा दी जाए। ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन VUI-202012/01 मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पहले से ज्यादा संक्रामक है। हालांकि वैज्ञानिकों ने इसपर अपनी स्पष्ट राय नहीं दी है।
सीएम अशोक गहलोत ने भी जाहिर की चिंता
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा, ब्रिटेन में उभर रहे कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन बहुत चिंता का विषय है। भारत सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। यूके और अन्य यूरोपीय देशों से सभी उड़ानों पर तुरंत और समान प्रतिबंध लगाना चाहिए। वायरस के नए स्टेन के किसी भी प्रकोप से बचने के लिए डॉक्टर्स की एक टीम को तैयार रखना चाहिए। स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का और भी सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, घबराने की जरूरत नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि ब्रिटेन में मिले कोरोनावायरस के नए स्ट्रैन को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार इसके बारे में अलर्ट है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन
कई देशों ने ब्रिटेन जाने वाली फ्लाइट्स् बंद की
कोरोना के नए स्ट्रेन की वजह से कई देशों ने ब्रिटेन जाने वाली फ्लाइट्स पहले ही बंद कर दी हैं। कनाडा ने यूनाइटेड किंगडम में सभी उड़ानों को रोक दिया है। इतना ही नहीं, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, आयरलैंड और बुल्गारिया सभी ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंधों की घोषणा की।
पहले से 70% ज्यादा खतरनाक है नया स्ट्रेन
ब्रिटेन के सरकारी अधिकारियों को संदेह है कि नया स्टेन पहले के वायरस की तुलना में अधिक संक्रमणीय हो सकता है। जबकि वैज्ञानिक अभी इस मुद्दे पर स्पष्ट नहीं हैं। इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं। ब्रिटिश सोसाइटी फॉर इम्यूनोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. पीटर ओपेंशॉ ने कहा, इसे गंभीरता से लेना सही है। हालाकि, 30,000 न्यूक्लियोटाइड्स के आनुवंशिक कोड में केवल 23 उत्परिवर्तन होते हैं, लेकिन वैरिएंट लगभग 40-70 प्रतिशत ट्रांसमीसेबल लगता है। उन्होंने कहा कि अभी कोई सबूत नहीं मिला है कि नया वेरिएंट बीमारी का कारण बनता है।