सार
पहले कोशिशें की जा रही थीं कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद संभाल लें, लेकिन उनके पीछे हटने के बाद शशि थरूर और बाद में अशोक गहलोत चुनाव मैदान में कूद पड़े। अब मध्य प्रदेश के पूर्व CM दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी भी इस दौड़ में शामिल हो चुके हैं।
कोच्चि(केरल). कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव(Congress President Election) को लेकर गांधी फैमिली के पीछे हटने के बाद अब दावेदारों में दमदारी दिखाई देने लगी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि परिणाम चाहे जो भी हो, एकजुट होकर काम करना और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पार्टी एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभरे।
बता दें कि पहले कोशिशें की जा रही थीं कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद संभाल लें, लेकिन उनके पीछे हटने के बाद शशि थरूर और बाद में अशोक गहलोत चुनाव मैदान में कूद पड़े। अब मध्य प्रदेश के पूर्व CM दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी भी इस दौड़ में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस ने गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। दशकों में पहली बार किसी गैर-गांधी नेता के नेतृत्व में पार्टी की बागडौर सौंपी जा सकती है। इस बीच सचिन पायलट ने सीएम की कुर्सी पर बैठने के अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। वे विधायकों से बातचीत कर रहे हैं। इनमें वे विधायक भी शामिल हैं, जो कभी उनके विरोधी माने जाते रहे हैं। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सचिन पायलट में यह उत्साह देखकर कहा जा सकता है कि उनके लिए संकेत अच्छे हैं।
राजस्थान के CM का पद को लेकर संशय
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए केरल के कोच्चि में मौजूद अशोक गहलोत ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि उनके राजस्थान सरकार का नेतृत्व करने के लिए उनके उत्तराधिकारी का फैसला पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं (राजस्थान वापस) जाने के बाद (नामांकन पत्र जमा करने के लिए) तारीख तय करूंगा, लेकिन मैंने फैसला किया है कि मुझे चुनाव लड़ना होगा। यह लोकतंत्र का सवाल है और हमें एक नई शुरुआत करनी चाहिए।"
तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर के मैदान में उतरने की अटकलों के बीच गहलोत ने कहा कि अन्य कांग्रेसी मित्र भी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन जो मायने रखता है वह है एकता और सभी स्तरों पर संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता। उन्होंने कहा, कांग्रेस के दोस्त हैं। चुनाव लड़ें भी तो कोई बात नहीं। नतीजों के बाद हमें ब्लॉक, गांव, जिला स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और अपनी (कांग्रेस) विचार प्रक्रिया को आधार बनाकर आगे बढ़ना चाहिए। ताकि हम एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभर सकें।
कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा कि देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है। कांग्रेस नेतृत्व की भूमिका के संदर्भ में राहुल गांधी के 'एक व्यक्ति, एक पद' वाले बयान पर गहलोत ने कहा कि राजस्थान राज्य प्रभारी अजय माकन और सोनिया गांधी इस मामले पर फैसला करेंगे कि राजस्थान सरकार में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? उनसे यह भी पूछा गया कि क्या वह इस मामले में अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा, "मैं कोच्चि में खड़े होकर यह नहीं कह सकता। हमारे महासचिव प्रभारी अजय माकन और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तय करेंगे।
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