सार

असम में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और उसे सहयोगी दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। भाजपा 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, असम गण परिषद (AGP) 26 और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL) आठ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। असम में पहले भाजपा की ओर से मौजूदा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का ही नाम तय किया गया था, लेकिन बाद में हाथ पीछे खींच लिए गए।
 

गुवाहाटी, असम. असम में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सर्बानंद सोनोवाल को रिपीट किए जाने की चर्चा थी, लेकिन माना जा रहा है कि अब ऐसा नहीं होगा। बता दें कि भाजपा 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, असम गण परिषद (AGP) 26 और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL) आठ सीटों पर चुनाव लड़ेगी।  इन सीटों में से अधिकांश पर पहले और दूसरे चरण में मतदान होना है।

सोनोवाल नहीं, तो कौन?
असम प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रंजीत दास ने कहा कि पार्टी जहां सत्ता में होती है, वहां अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं करती है। माना जा रहा है कि इस बार असम को बचाने की एक बड़ी चुनौती है। यहां भाजपा का मुकाबला कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है। भाजपा ने 10 साल पुराने कांग्रेस शासन का अंत करके पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में अपनी सरकार बनाई थी। 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 60 सीटें मिली थीं। एजीपी को 14 सीटों पर जीत मिली थी। यूपीपीएल अब बीजेपी के साथ गठबंधन का हिस्सा बनी है। हालांकि अभी उसका एक भी सदस्य नहीं है। असम में विधानसभा की 126 सीटें हैं। पहले चरण में 47 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण में 39 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल और तीसरे चरण के तहत 40 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को मतदान होगा।

कलह बनी सोनोवाल की मुसीबत
माना जा रहा है कि अंदरुनी कलह से निपटने शीर्ष नेतृत्व ने सोनोवाल के नाम से हाथ खींच लिए। 2016 के चुनाव में बीजेपी ने पहले ही सोनोवाल का नाम सीएम पद के लिए घोषित कर दिया था। इस समय कांग्रेस से भाजपा में आए हेमंत बिस्वा का कद काफी बड़ गया है। वहीं, दिलीप सैकिया भी तेजी से उभरे हैं।