सार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Shah) अपने दो दिवसीय दौरे पर असम में हैं। दूसरे दिन शाह ने गुवाहाटी में 25 वर्षों की सेवा के लिए असम पुलिस को राष्ट्रपति कलर अवार्ड से सम्मानित किया। इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे। कार्यक्रम गुवाहाटी के नेहरू स्टेडियम में हुआ।
गुवाहाटी. असम में हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 10 मई को एक साल पूरे कर लिए। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Shah) अपने दो दिवसीय दौरे पर असम में हैं। दूसरे दिन शाह ने गुवाहाटी में 25 वर्षों की सेवा के लिए असम पुलिस को राष्ट्रपति कलर अवार्ड
(राष्ट्रपति के ध्वज) से सम्मानित किया। इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे। कार्यक्रम गुवाहाटी के नेहरू स्टेडियम में हुआ। ध्वज पर असम का नक्शा, राज्य के जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 36 सितारे, एक सींग वाला गैंडा और असम पुलिस की आदर्श पंक्ति प्रतीक चिह्न को बनाया गया है। बता दें कि असम देश का 10वां राज्य है, जिसे यह सम्मान मिला है। यह शांति और युद्ध में देश के लिए अनुकरणीय सेवा करने के लिए सैन्य या पुलिस इकाई को दिया जाता है। सम्मान समारोह में राज्य के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति मौजूद थे।
राज्य के सभी क्षेत्रों से AFSPA हटा दिया जाए
असम पुलिस को राष्ट्रपति रंग भेंट करने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में कहा- मैं पूरी असम की जनता और असम पुलिस को बहुत बधाई देता हूं कि आज राष्ट्रपति का चिन्ह असम पुलिस को मिला है। आज से देश की दसवीं पुलिस फोर्स असम पुलिस बनी है। आजादी के समय असम पुलिस बल की संख्या 8 हज़ार थी और आज असम पुलिस की संख्या 70 हज़ार से भी ऊपर उठी है और अनेक राष्ट्रीय एकता की महत्वपूर्ण लड़ाई अमस पुलिस ने बहुत अच्छे ढंग से लड़ी है। असम में AFSPA के तहत आने वाले क्षेत्रों को कम कर दिया गया है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के सभी क्षेत्रों से AFSPA हटा दिया जाए। शाह ने कहा कि 1990 के दशक में असम में अफस्पा लागू किया गया था। इसे 7 बार बढ़ाया गया। पीएम मोदी के 8 साल के शासन में राज्य के 13 जिलों इसे इसे हटाया गया। यानी असम के 60% से अधिक क्षेत्र से हटा दिया गया है। शाह ने कहा कि असम की पुलिस संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखने उग्रवाद के खिलाफ खड़ी रही। पुलिस ने बंदूकों का सामना किया। युवाओं को मुख्य धारा में लाई। अब समूहों के साथ एक के बाद एक शांति समझौते हो रहे हैं। 7 दशक पुरानी समस्या के समाधान के लिए पड़ोसी राज्यों से बातचीत चल रही है।
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