सार

भारत निर्वाचन आयोग(Election Commission of India) ने आज पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से संबंधित एक अहम बैठक की। बैठक में चुनावी रैलियों, रोड शो और पदयात्राओं पर लागू पाबंदियों की समीक्षा की गई। बता दें कोरोना के मद्देनजर चुनावी रैलियों पर बैन लगाया गया है।

नई दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग(Election Commission of India) ने आज पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से संबंधित एक अहम बैठक की। बैठक में चुनावी रैलियों, रोड शो और पदयात्राओं पर लागू पाबंदियों की समीक्षा की। बता दें कोरोना के मद्देनजर चुनावी रैलियों पर बैन लगाया गया है। उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, मणिपुर और उत्तराखंड में कोरोना की तीसरी लहर के बीच चुनावी गतिविधियां जारी हैं। संक्रमण को फैलने से रोकने चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों, जनसभाओं, पदयात्राओं, साइकिल रैली  और रोड शो आदि पर 22 जनवरी तक के लिए रोक लगाई थी। बैठक में पांचों राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और मुख्य सचिव वर्चुअली शामिल हुए। बता दें कि देश में इस समय कोरोना की तीसरी लहर पीक पर है। रोज 3 लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि, तीसरी लहर में संक्रमण उतना खतरनाक नहीं निकला, जितना दूसरी लहर में था।

मिल सकती है कुछ छूट
इस बैठक के बाद माना जा रहा है कि बड़ी जनसभाओं और रैलियों पर अगले हफ्ते तक पाबंदियां लगी रह सकती हैं। हालांकि राजनीति दलों को चुनाव प्रचार के लिए कुछ छूट दी जा सकती है। लेकिन उन्हें यह भरोसा दिलाना होगा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।

यह है चुनावी शेड्यूल
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में वोटिंग कराई जाएगी। उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी, जबकि पंजाब में 20 फरवरी को एक ही चरण में वोटिंग होगी। मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को वोटिंग होगी। चुनावी नतीजे 10 मार्च को आएंगे।

पहले 15 जनवरी तक लगाई थी रोक
चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को सभी राज्यों में चुनाव का ऐलान किया था। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए 15 जनवरी तक सभी तरह की चुनावी रैलियों आदि पर रोक लगा दी थी, जिसे बढ़ाकर 22 जनवरी तक कर दिया गया था। चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों से डिजिटल माध्यम से प्रचार करने को कहा था। हालांकि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 व्यक्तियों की भागीदारी या हॉल क्षमता के 50 प्रतिशत या राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों की ओर से निर्धारित सीमा के तहत बंद स्थानों पर बैठकें आयोजित करने की छूट दी हुई है।

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