सार

कोल्लम की भारीरथी अम्मा ने 105 साल की उम्र में चौथी का एग्जाम दिया। राज्‍य साक्षरता मिशन की प्रेरणा से उन्‍होंने ऐसा किया। भगीरथी अम्मा ने 70 साल पहले अपने पति को खो दिया था और अपनी चार बेटियों और दो बेटों के साथ रहती हैं।

केरल. कोल्लम की भारीरथी अम्मा ने 105 साल की उम्र में चौथी का एग्जाम दिया। राज्‍य साक्षरता मिशन की प्रेरणा से उन्‍होंने ऐसा किया। भगीरथी अम्मा ने 70 साल पहले अपने पति को खो दिया था और अपनी चार बेटियों और दो बेटों के साथ रहती हैं। 

भाई-बहनों की देखभाल में छूट गई पढ़ाई
साक्षरता मिशन से जुड़े चंद्रशेखर पिल्लई ने कहा, मां के निधन के बाद अपने छोटे भाई बहनों के पालन पोषण की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई थी, जिसकी वजह से वह पढ़ नहीं पाईं। लेकिन 100 साल बाद भी उनकी यादाश्त, आंखों की रोशनी, सुनने की क्षमता तेज है। पिल्लई ने कहा कि भागीरथी अम्मा के उत्साह और दृढ़ संकल्प से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि वे  दुनिया में सबसे बुजुर्ग छात्रों में से एक हैं।

प्रश्न पत्र का जवाब लिखने में 3 दिन लगे

भागीरथी अम्मा को लिखने में कठिनाई थी, इसलिए उन्हें पर्यावरण, गणित और मलयालम पर 3 प्रश्न पत्रों को पूरा करने में तीन दिन लगे और उनकी सबसे छोटी बेटी ने मदद की। अम्मा ने परीक्षा के लिए उपस्थित होने के लिए बहुत खुश थीं। उन्होंने बताया कि 9 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी थी, तब वह तीसरी क्लास में थीं।