सार
भारत में कोरोना वायरस के अब तक 78 लाख मामले सामने आ चुके हैं। इसी बीच एक अच्छी खबर आ रही है। यह खबर वैक्सीन से जुड़ी है। दरअसल, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को हाल ही में तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिली थी। अब भारत बायोटेक ने दावा किया है कि ह्यूमन ट्रायल पूरे होने के बाद वैक्सीन जून 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगी।
नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस के अब तक 78 लाख मामले सामने आ चुके हैं। इसी बीच एक अच्छी खबर आ रही है। यह खबर वैक्सीन से जुड़ी है। दरअसल, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को हाल ही में तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिली थी। अब भारत बायोटेक ने दावा किया है कि ह्यूमन ट्रायल पूरे होने के बाद वैक्सीन जून 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगी। हालांकि, कंपनी ने यह भी कहा कि सरकार अगर इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी देता है तो यह पहले भी बाजार में आ सकती है।
12 से 14 राज्यों में 20 हजार लोगों पर होगा ट्रायल
कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर साई प्रसाद ने बताया कि कंपनी तीसरे चरण में 12-14 राज्यों के 20 हजार से ज्यादा लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल करने की योजना बना रही है। अगर मंजूरी समय पर मिल जाती हैं, तो 2021 की दूसरी तिमाई में ट्रायल के नतीजे मिल जाएंगे। यानी अप्रैल मई तक वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे पूरी तरह से सामने आ जाएंगे।
60% है प्रभाविकता
इस वैक्सीन को भारत बायोटेक के साथ आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी मिलकर बना रहे हैं। इसे हाल ही में डीसीजीआई से तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिली है। साई प्रसाद ने कहा, कोरोना के इस टीके की प्रभावकारिता का मानक 60% है। WHO के दिशानिर्देशों के मुताबिक, टीके की गुणवत्ता कई मानकों पर कम से कम 50 फीसदी होनी चाहिए। तब उसको मंजूरी दी जाती है।
6 महीने में 150 करोड़ होंगे खर्च
भारत बॉयोटेक के पहले चरण के परीक्षण पूरे हो चुके हैं। इसके नतीजे भी आ चुके हैं। वहीं, दूसरे चरण के नतीजे नवंबर तक आ जाएंगे। भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य फाउंडेशन के संस्थापक डॉ केके श्रीनाथ रेड्डी के मुताबिक, वैक्सीन बहुत कुछ तीसरे चरण के परीक्षण परिणामों पर निर्भर करेगी। कंपनी सालाना लगभग 1 करोड़ 50 लाख खुराक की उत्पादन क्षमता देख रही है। हालांकि, कंपनी ने अभी कीमतें तय नहीं कीं। तीसरे चरण के परीक्षण के लिए 6 महीने में करीब 150 करोड़ रुपए खर्च होगा।