सार
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा (Narendra Modi US Visit) और कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा विदेश जाकर किए जा रहे भारत विरोधी अभियान पर लेख लिखा है।
प्रेम शुक्ला, राष्ट्रीय प्रवक्ता भाजपा। भारत के लोगों ने वंशवादी राजनीति को खारिज किया है। कांग्रेस और उसके युवराज राहुल गांधी लोगों को पसंद नहीं आ रहे हैं। ऐसे में एक राजनीतिक समूह उभरा है। यह न केवल भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने का हर संभव प्रयास करता है बल्कि हर संभव मौके का इस्तेमाल भारत का नाम खराब करने में करता है।
भारत में शोषण का सिस्टम स्थापित करने की इच्छा रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए यह बेहद मुफीद है वे इस तरह के प्रोपेगेंडा को हवा दें। ये जॉर्ज सोरोस और टूलकिट गिरोह जैसे लोगों द्वारा प्रायोजित और समर्थित हैं। ये ऐसे लोगों की मदद करते हैं जो कहें कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है, संवैधानिक संस्थाएं लुप्त हो रहीं हैं और मीडिया की स्वतंत्रता छीन गई है। न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका पंगु हो गई हैं। चुनाव आयोग पक्षपातपूर्ण चुनाव करा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए चुनाव को प्रभावित किया जा रहा है। भारत क्रोनी कैपिटलिज्म का खेल का मैदान बन गया है। ऐसे मनगढ़ंत और काल्पनिक आरोपों की सूची अंतहीन है।
कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ब्रिटेन की यात्रा पर गए थे। उन्होंने ब्रिटेन और अमेरिका को लोकतंत्र का अभिभावक बताते हुए उनसे भारत में लोकतंत्र की बहाली के लिए दखल देने की अपील की। राहुल गांधी हाल ही में अमेरिका गए थे। उन्होंने एक बार फिर भारत और भारतीय लोगों के खिलाफ प्रोपेगेंडा करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से फासीवादी लोगों को विभिन्न लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं पर बैठाया गया है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया की हर रोज हत्या की जाती है। राहुल गांधी के बयान का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी लॉबी ने भारत के खिलाफ अमेरिका में अभियान शुरू कर दिया था।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत को निशाना बनाने के लिए राहुल गांधी के भारत विरोधी बयानों का इस्तेमाल किया। पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी पत्रकार अस्मा खालिद ने राहुल गांधी के बयानों के संबंध में भारत में लोकतंत्र के पतन के बारे में अमेरिकी अधिकारी से सवाल किया था। इस तरह का सवाल पूछने का मकसद साफ था। अगर अधिकारी राहुल गांधी के आरोपों को फेस वैल्यू पर लेते और ऐसा बयान जारी करते जो भारत विरोधी होता तो इसका भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने अस्मा खालिद के इरादों पर पानी फेर दिया। उन्होंने ऐसा जवाब दिया जो राहुल गांधी द्वारा किए जा रहे भारत विरोधी अभियान पर तमाचा था। किर्बी ने कहा, "भारत जीवंत लोकतंत्र है। कोई भी दिल्ली जाकर इसे देख सकता है।"
जॉन किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। जॉन किर्बी भारत और उसके प्रधानमंत्री की प्रशंसा करने वाले अकेले व्यक्ति नहीं हैं। इसी तरह के रुख वाले बहुत सारे अमेरिकी अधिकारी हैं। उनके सकारात्मक बयान से सोरोस गिरोह के एजेंडे को नुकसान पहुंचना लाजिमी है।
नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अर्थव्यवस्था, व्यापार और सुरक्षा के क्षेत्र में अमेरिका-भारत संबंध और मजबूत होंगे। इसी तरह अमेरिकी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि उनके संबोधन से भारत के भविष्य और दोनों देशों के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर उनके विजन पर रोशनी पड़ेगी। दरअसल, 22 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी सीनेट में बोलेंगे। वह प्रतिनिधि सभा को भी संबोधित करेंगे। यह अमेरिका में किसी विदेशी मेहमान को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है।
2014 में पीएम बनने के बाद से नरेंद्र मोदी छठी बार अमेरिका की यात्रा करने वाले हैं। नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे तब कांग्रेस और तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोगों ने गुजरात दंगों का हवाला देते हुए मोदी को अमेरिकी वीजा से वंचित करने की साजिश रची थी। वे इस बात का हवाला देकर नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाते थे कि अमेरिका उन्हें वीजा नहीं दे रहा है। 2014 के चुनावों में कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता तर्क देते थे कि नरेंद्र मोदी का विदेशी मामलों के बारे में अनुभव और ज्ञान नगण्य है। वे इस बात पर 'बहुत चिंतित' थे कि मोदी बिना यूएस वीजा के अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व कैसे कर पाएंगे। आज जब अमेरिका मोदी के लिए रेड कार्पेट बिछा रहा है तो कांग्रेस और उसके साथी ईर्ष्या से जल रहे हैं।
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प की तरह जो बाइडेन भी मोदी के फैन हैं। जो बाइडेन और नरेंद्र मोदी की मुलाकात हाल ही में जापान के हिरोशिमा में जी 7 की बैठक के दौरान हुई थी। उस दौरान जो बाइडेन ने नरेंद्र मोदी से कहा था, "मुझे आपका ऑटोग्राफ लेना चाहिए। आप मेरी एक असली समस्या के कारण हैं। अगले महीने वाशिंगटन में हम आपके लिए एक डिनर रख रहे हैं। पूरे देश से हर कोई इसमें आना चाहता है। मेरे पास जो टिकट थे खत्म हो गए हैं। आप सोचते हैं कि मैं मजाक कर रहा हूं? मेरी टीम से पूछ लीजिए। मुझे ऐसे लोगों के फोन आ रहे हैं, जिनके बारे में पहले नहीं सुना था। फिल्म स्टार से लेकर रिश्तेदार तक सभी फोन कर रहे हैं। आप बहुत लोकप्रिय हो।"
बाइडेन के ये शब्द देश के भीतर और बाहर भारत विरोधी खेमे को झटका दे रहे हैं। क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन नरेंद्र मोदी के प्रति ठंडा व्यवहार करेंगे। नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ मंच साझा किया था। अमेरिका जिस गर्मजोशी से मोदी का इंतजार कर रहा है वह दिख रहा है। स्वाभाविक रूप से इससे राहुल और अन्य लोगों में हताशा उसी अनुपात में बढ़ेगी। दुनिया नए भारत को स्वीकार कर रही है। नया भारत बदलती विश्व व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
नोट- लेख में दिए गए विचार भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला के हैं।