सार
सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत आज अपने पद से रिटायर हो गए। उन्होंने जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को पदभार सौंपा। इससे पहले उनका विदाई समारोह हुआ। साउथ ब्लॉक में सेना की परेड की सलामी दी गई। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
नई दिल्ली. सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत आज अपने पद से रिटायर हो गए। उन्होंने जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को पदभार सौंपा। इससे पहले उनका विदाई समारोह हुआ। साउथ ब्लॉक में सेना की परेड की सलामी दी गई। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जनरल रावत ने कहा, आज मैं रिटायर हो रहा हूं। वे कल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पदभार संभालेंगे। इसे लेकर उन्होंने कहा, सीडीएस सिर्फ एक पद, सभी जवानों, सभी टीमों को मिलकर काम करना है। विदाई संदेश में जनरल बिपिन रावत ने जवानों और उनके परिवारों को नए साल की बधाई दी।
जनरल बिपिन रावत ने नए आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवाणे को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, बीते 3 सालों में आर्मी चीफ के कार्यकाल के दौरान मेरा सहयोग करने के लिए सेना के सभी जवानों को मैं धन्यवाद देता हूं और साथ में उन्हें व उनके परिवारों को नए साल की बधाई देता हूं। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सिर्फ एक ओहदा होता है। जब भारतीय सेना टीम वर्क की तरह काम करती है तो उसका असर बढ़ जाता है।
मनोज मुकुंद नरवाणे बने नए आर्मी चीफ
बिपिन रावत की जगह जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे नए सेनाध्यक्ष बन गए हैं। जनरल बिपिन रावत नई जिम्मेदारी में दिखेंगे। वे देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाए गए हैं।
अमेरिका ने दी बधाई
मोदी ने लालकिले से किया था ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से ऐलान किया था कि हम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति करेंगे। इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा सैन्य बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। सीडीएस का सुझाव करगिल युद्ध के बाद आया था, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई।
इससे बाद सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति ने तीनों सेनाओं के नेतृत्व के लिए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद के सृजन की मंजूरी दे दी थी। इससे तीनों सेनाओं को नेतृत्व मिलेगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अफसर एक 4 स्टार जनरल होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख भी होगा।
सीडीएस के पास होंगी ये जिम्मेदारियां?
- सीडीएस सरकार के प्रधान सलाहकार होंगे।
- सीडीएस सरकार और सैन्य बलों के बीच संपर्क सेतु की तरह काम करेंगे।
- युद्ध या अन्य परिस्थिति में सरकार को एक सूत्री सैन्य सलाह मुहैया होगी।
- तीनों सेनाओं में तालमेल के अलावा सैद्धांतिक मसलों, ऑपरेशनल समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी।
- देश के सामरिक संसाधनों और परमाणु हथियारों का बेहतर प्रबंधन।
भारत को तीनों सेनाओं में एक सेनापति की जरूरत क्यों?
1999 में करगिल युद्ध में पाया कि तीनों सेनाओं के बीच तालमेल की कमी रह गई थी। इसे थलसेना और वायुसेना के बीच अनबन के तौर पर देखा गया। करगिल युद्ध के बाद मंत्रियों के समूह ने रिपोर्ट पेश कर सीडीएस की सिफारिश की थी। साथ ही इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि तत्कालीन सेना प्रमुख तालमेल की कमी के चलते एकसूत्री रणनीति बनाने में नाकाम रहे। इसके बाद 2012 में नरेश चंद्र टास्क फोर्स चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी (सीओएससी) और 2016 में लेफ्टिनेंट जनरल शेकटकर कमेटी ने तीनों सेना प्रमुखों के अलावा 4 स्टार जनरल के तौर पर चीफ कोऑर्डिनेटर पद की सलाह दी।
भारत की मौजूदा सैन्य प्रणाली?
अभी चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) होता है। चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी में सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख रहते हैं। सबसे वरिष्ठ सदस्य को इसका चेयरमैन नियुक्त किया जाता है। यह पद सीनियर सदस्य को रोटेशन के आधार पर रिटायरमेंट तक दिया जाता है। लंबे समय से चीफ ऑफ डिफेंस बनाने की मांग हो रही थी।