सार
महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने शनिवार को कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण अवैध है क्योंकि यह शपथ के निर्धारित ढंग से नहीं हुआ। पाटिल ने यहां विधान भवन में पत्रकारों से कहा कि मंत्रियों ने शपथ लेते समय अपने नेताओं और अन्य लोगों के नाम लिए जो प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं है।
मुंबई. महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने शनिवार को कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण अवैध है क्योंकि यह शपथ के निर्धारित ढंग से नहीं हुआ। पाटिल ने यहां विधान भवन में पत्रकारों से कहा कि मंत्रियों ने शपथ लेते समय अपने नेताओं और अन्य लोगों के नाम लिए जो प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि इस ‘‘अवैध’’ शपथ ग्रहण समारोह के विरूद्ध राज्यपाल बी एस कोश्यारी के समक्ष याचिका दायर की जा रही है।
पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने भाजपा के कालीदास कोलांबकर की जगह राकांपा के दिलीप वालसे पाटिल को कार्यवाहक विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त करने में नियमों का उल्लंघन किया और विश्वासमत के बाद विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने के औचित्य पर सवाल खड़ा किया। ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार ने भाजपा विधायकों के सदन से बहिर्गमन करने के बाद विश्वासमत हासिल कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव रविवार को होगा। ठाकरे और शिवसेना, राकांपा एवं कांग्रेस से दो-दो मंत्रियों ने यहां शिवाजी पार्क में 28 नवंबर को हुए समारोह में शपथ लिया था।
विधानसभा के नियमों का हुआ उल्लंघन
इन नेताओं ने शपथ ग्रहण के समय अपनी संबंधित पार्टी के नेताओं जैसे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और शिवाजी महाराज एवं बी आर आंबेडकर जैसी प्रमुख हस्तियों का नाम लिया था। पाटिल ने कहा, ‘‘नयी सरकार ने अपने शपथ ग्रहण समारोह से ही राज्य विधानसभा के नियमों का उल्लंघन करना शुरू कर दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाला साहेब ठाकरे, छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबासाहब आंबेडकर में हमारी आस्था है। लेकिन शपथ ग्रहण एक विशेष ढंग से होना चाहिए। अगर उस ढंग से शपथ नहीं ली जाए तो उसे शपथ नहीं माना जाता है। राज्यपाल के समक्ष एक याचिका दायर की जा रही है जिसमें बताया गया है कि यह शपथ ग्रहण अवैध है।’’
अस्थायी अध्यक्ष को हटाने में भी हुआ नियमों का उल्लंघन
भाजपा नेता ने यह नहीं बताया कि कौन विधायक यह याचिका दायर कर रहा है, हालांकि उन्होंने कहा कि यह विधायक उनकी पार्टी से नहीं है। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह कहते हुए पाटिल के दावों को खारिज कर दिया कि कई भाजपा सांसदों ने ऐसा ही किया था। उन्होंने कहा, ‘‘अगर पाटिल के मापदंड का इस्तेमाल किया जाए तो आधी लोकसभा खाली हो जाएगी।’’ पाटिल ने कहा, ‘‘लोगों ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को वोट दिया था जिसे 161 सीटें मिलीं लेकिन शिवसेना ने जनादेश को धोखा दिया। पहले संवाददाता सम्मेलन के बाद से ही वे विकल्प के बारे में बात करने लग गए थे।’’ पाटिल ने यह भी दावा किया कि सरकार ने राज्यपाल द्वारा नियुक्त विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष को हटाने में नियमों का उल्लंघन किया।
कल होगा विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव
उन्होंने कहा, ‘‘पहले विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है फिर विश्वास मत कराया जाता है। लेकिन अब विश्वास मत करा लिया गया है और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कल कराया जाने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नियम के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष गुप्त मतदान के जरिए चुना जाता है। लेकिन वे अब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव खुले मतदान के जरिए कराने की सोच रहे हैं। यह विधानसभा के नियम-कायदों का उल्लंघन है।’’ मुरबाद से भाजपा विधायक किसन कथोरे विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे। सकोली से कांग्रेस विधायक नाना पटोले को इस पद के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन का उम्मीदवार बनाया है। विश्वासमत से पहले शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने अपने-अपने विधायकों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। सत्तारूढ़ गठबंधन ने शनिवार को विश्वासमत हासिल कर लिया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विश्वास मत से पहले विधानभवन परिसर पर शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि दी।