सार
दिल्ली में 48 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन बीजेपी को महज 8 सीटें मिली हैं। बुरी तरह से हार मिलने के बाद भाजपा अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है। लेकिन पार्टी हाईकमान ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लचर प्रदर्शन के बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है। लेकिन, पार्टी शीर्षनेतृत्व ने मनोज तिवारी को पद पर बने रहने के लिए कहा है। गौरतलब है कि मनोज तिवारी ने दिल्ली में 48 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन बीजेपी को महज 8 सीटें मिली हैं।
सूत्रों की मानें तो बीजेपी आलाकमान ने मनोज तिवारी के इस्तीफे की पेशकश को इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के चलते बीजेपी के संगठन के चुनाव को टाला गया था। अब संगठन चुनाव के बाद नए प्रदेश की नियुक्ति होगी। हार के बाद ही मनोज तिवारी ने जिम्मेदारी ली थी और कहा था कि मेरा सीना तैयार है।
दोपहर तक थी जीत की उम्मीद
दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी की हो रही थी। नतीजे के दिन यानी मंगलवार को मनोज तिवारी दोपहर तक आश्वस्त थे कि बीजेपी को बहुमत मिल जाएगा। लेकिन जैसे-जैसे दिन ढला, उनका हौसला कम होता गया। आखिरकार उन्होंने हार कबूल करते हुए केजरीवाल को बधाई दी।
ट्वीट संभाल कर रखने का चैलेंज
8 फरवरी को हुए मतदान के बाद जब एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए तो पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के पक्ष में थे, लेकिन मनोज तिवारी अड़े थे कि बीजेपी 48 सीटें जीतेगी। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट किया था, 'ये सभी एक्जिट पोल होंगे फेल, मेरा ये ट्वीट संभालकर रखिएगा। भाजपा दिल्ली में 48 सीट लेकर सरकार बनाएगी, कृपया ईवीएम को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूंढें।'
हार के बाद ट्वीट पर दी सफाई
इस पर मनोज तिवारी ने कहा था, 'मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं और हमारा एक आंतरिक सर्वे होता है। प्रदेश अध्यक्ष को यह थोड़ी बोलना चाहिए कि हम पहले ही हार गए। कोई ऐसा नहीं बोलेगा और जब तक रिजल्ट न आ जाए किसी को ऐसा कहना भी नहीं चाहिए। जिसका वोट 4 प्रतिशत आया, उसे भी नहीं बोलना चाहिए, उसे भी बढ़िया से लड़ाई लड़नी चाहिए। मेरा अनुमान गलत सिद्ध हुआ।'