सार
झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा है। भाजपा द्वारा साल 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद पार्टी का तेजी से विस्तार हुआ। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए ने साल 2014 में केंद्र में सरकार बनाई और फिर 2017 तक एक के बाद एक कर एनडीए ने 21 राज्यों में सत्ता हासिल की।
नई दिल्ली. झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा है। भाजपा द्वारा साल 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद पार्टी का तेजी से विस्तार हुआ। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए ने साल 2014 में केंद्र में सरकार बनाई और फिर 2017 तक एक के बाद एक कर एनडीए ने 21 राज्यों में सत्ता हासिल की। भाजपा देश के 71 फीसदी हिस्से में छा गई। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जादू और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सियासी रणनीति का नतीजा था।
एक साल में इन आंकड़ों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला। अब 16 राज्यों में एनडीए सरकार है। 12 में भाजपा और 4 में सहयोगी दलों के सीएम हैं। (भाजपा तमिलनाडु में सरकार के साथ है, लेकिन विधायक एक भी नहीं। इसलिए मैप में नहीं)
71 फीसदी से घटकर 37.5 फीसदी पर आई बीजेपी
दिसंबर 2017 के बाद बीजेपी के सिमटने का दौर शुरू हुआ और दिसंबर 2019 तक बीजेपी 71 फीसदी से घटकर 37.5 फीसदी में आ गई। जिसके बाद अब ये कहा जाने लगा कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का जादू कम हुआ है।
ऐसे बड़ी भाजपा की सियासत
साल | कितने राज्यों में सरकार |
2014 | 7 |
2015 | 13 |
2016 | 15 |
2017 | 19 |
2018 | 21 |
एक साल में पांच राज्यों में सत्ता गंवाई
नवंबर-दिसंबर 2018 से दिसंबर 2019 तक 12 राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में चुनाव हुए हैं। भाजपा ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड में सरकार गंवा दिए।
इनमें से भाजपा के पास 6 राज्य की सत्ता थी। लेकिन भाजपा सिर्फ हरियाणा बचा पाई। इसके अलावा अरुणाचल में भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता छीनी। उधर, सिक्किम में भी भाजपा की सहयोगी पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी पार्टी की सरकार है। जम्मू-कश्मीर में भी भाजपा की सरकार थी, लेकिन अब राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट गया है। वहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।