सार
चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि शनिवार को सूबे के उत्तर 24 परगना के हलिशहर में टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले में 6 बीजेपी कार्यकर्ता घायल हो गए और एक की मौत हो गई।
कोलकाता. चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि शनिवार को सूबे के उत्तर 24 परगना के हलिशहर में टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले में 6 बीजेपी कार्यकर्ता घायल हो गए और एक की मौत हो गई। इस बात की जानकारी बीजेपी पश्चिम बंगाल के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दी गई है।
बीजेपी की ओर से ट्वीट किया गया कि एक और दिन, एक और हत्या। हलिशहर में कार्यकर्ता सैकत भवाल की टीएमसी के गुंडों द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई, जबकि 6 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को कल्याणी के जेएन मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सैकत भवाल पर हमला तब किया गया जब वो पार्टी के लिए डोर टू डोर कैंपेन कर रहे थे। जबकि तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह घटना व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा है। बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने कहा कि आरएसएस कार्यकर्ता और 6 नबंर वॉर्ड हलिशहर के रहने वाले सैकत भवाल की हत्या कर दी गई. पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो चुका है।
बीजेपी अध्यक्ष के काफिले पर हुआ था हमला
बता दें कि बंगाल में चुनाव से काफी वक्त पहले से ही राजनीतिक हिंसा का दौर जारी है। बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ता कई बार आपस में लड़ चुके हैं। दोनों ही पार्टियों का आरोप है कि उनके कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा जा रहा है। अभी हाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था। जेपी नड्डा गुरुवार को जब डायमंड हार्बर जा रहे थे, तब उनके काफिले पर पत्थरों से हमला किया गया। बीजेपी का कहना है कि इस हमले में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय को चोट भी आई है।
BSF और CRPF के रहते कैसे हो सकता है हमला: ममता बनर्जी
पार्टी अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले के बाद से ही बीजेपी आगबबूला है। पीएम नरेंद्र मोदी ने फोन कर जेपी नड्डा, कैलाश विजयवर्गीय का हाल जाना तो वहीं अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत अन्य सभी मंत्रियों ने हमले की निंदा करते हुए ममता सरकार पर सवाल खड़े किए। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमले को बीजेपी की नौटंकी करार दिया था। ममता बनर्जी ने कहा कि नाटक और हॉग मीडिया के जरिए बीजेपी लोगों को रैली तक नहीं ला सकी। क्या इसकी योजना बनाई गई? उन्होंने कैसे वीडियो तैयार किए. जबकि बीएसएफ और सीआरपीएफ के रहते कोई आपको कैसे छू सकता है?