सार
Power cirsis in Chandigarh : कर्मचारियों का कहना है चंढीगढ़ प्रशासन ने बिजली विभाग को निजी कंपनी पर देने का काम पूरा कर लिया है। फाइल पर अंतिम दस्तखत भी हो चुके हैं। इसी के विरोध में कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर चले गए। लगातार हड़ताल के चलते आपूर्ति लड़खड़ा गई और ग्रिड बंद होने लगे।
चंडीगढ़। चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद ब्लैकआउट (Power Crisis in Chandigarh) की स्थिति हो गई है। संकट से निपटने का कोई रास्ता नहीं दिखा तो सेना (Indian Army) की मदद ली गई। केंद्र शासित चंडीगढ़ में सेना के 100 से अधिक जवानों ने तेजी से काम करते हुए 80 सब स्टेशनों को चालू कर दिया है। इसके लिए चंडीगढ़ के उपराज्यपाल ने सेना से अनुरोध किया था। बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सेना की टीमें दिल्ली और जालंधर से आई हैं। कुछ टीमें अन्य जगहों से भी बुलाई गई हैं। इससे पहले जम्मू में भी इंडियन आर्मी बिजली सप्लाई बहाल करने के लिए आगे आई थी।
निजीकरण के विरोध में हड़ताल कर रहे कर्मचारी
गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर चंडीगढ़ बिजली विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इसके बाद यहां बिजली संकट गहरा गया। यह कर्मचारी बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ 21 फरवरी से विरोध कर रहे हैं। इसी दिन हड़ताल पर जाने के कारण चंडीगढ़ को ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि चंडीगढ़ में करीब 36 घंटे तक ब्लैकआउट रहा। इसके बाद सेना की मदद मांगी गई। कई इलाकों में पानी नहीं पहुंचा तो कई जगह फोन की बैटरी तक खत्म हो गई। ऑनलाइन क्लास और इंटरनेट भी प्रभावित हुआ।
निजी कंपनी को दिया जा रहा विभाग
सूत्रों का कहना है कि चंढीगढ़ प्रशासन ने बिजली विभाग को निजी कंपनी पर देने का काम पूरा कर लिया है। फाइल पर अंतिम दस्तखत भी हो चुके हैं। इसी के विरोध में कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर चले गए। लगातार हड़ताल के चलते आपूर्ति लड़खड़ा गई और ग्रिड बंद होने लगे। कर्मचारियों के संगठनों का आरोप है कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए बिजली विभाग का निजीकरण किया है।
सरकार ने लगाया एस्मा
ब्लैकआउट के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने बिजली विभाग के कर्मचारियों के लिए पूर्वी पंजाब एस्मा लागू कर दिया। इसके लागू होने के बाद कर्मचारी अगले छह महीनों तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें पंजाब चुनाव में जीत को लेकर हर सियासी दल फुल कॉन्फिडेंस में, सभी ने किया सरकार बनाने का दावा
यह भी पढ़ें पंजाब चुनाव: वोटर्स के मन में झूठी उम्मीद जगाने का जरिया बने घोषणा पत्र, 10 साल के वादे आज भी अधूरे, पढ़ें