सार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। अर्नब को 4 नवंबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बता दें कि अर्नब गोस्वामी को रविवार को अलीबाग से तलोजा जेल में शिफ्ट किया गया।
मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। अर्नब को 4 नवंबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बता दें कि अर्नब गोस्वामी को रविवार को अलीबाग से तलोजा जेल में शिफ्ट किया गया। पुलिस का आरोप है कि अलीबाग क्वारंटीन सेंटर में किसी फोन से सोशल मीडिया पर एक्टिव थे।
एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की पीठ ने कहा कि गोस्वामी नियमित रूप से जमानत के लिए महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। कोर्ट ने कहा, इस फैसले का सेशंस कोर्ट की कार्यवाही पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस मामले में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख से टेलीफोन पर बातचीत की। राज्यपाल के कार्यालय ने एक बयान में कहा, कोश्यारी ने राज्य के गृह मंत्री से भी कहा है कि वे गोस्वामी के परिवार को देखने और उनसे बात करने की अनुमति दें। बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने पहले भी चिंता जताई थी।
अर्नब ने बताया था, खुद की जान को खतरा
वहीं अर्नब ने भी मुंबई पुलिस पर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि मुझे वकील से नहीं मिलने दिया गया, सुबह धक्का और मारपीट की। मुझसे कहा कि वकील से बात नहीं करने देंगे, देशवासियों को बता दो कि मेरी जान को खतरा है। इतना ही नहीं उन्होंने इस मामले में कोर्ट से भी मदद मांगी।
साल 2018 के केस में अर्नब की गिरफ्तारी हुई
अर्नब पर एक मां और बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगा है। मामला 2018 का है। 53 साल के एक इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उसकी मां ने आत्महत्या कर ली थी। मामले की जांच सीआईडी की टीम कर रही है। कथित तौर पर अन्वय नाइक के लिखे सुसाइड नोट में कहा गया था कि आरोपियों (अर्नब और दो अन्य) ने उनके 5.40 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया था, इसलिए उन्हें आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा।