सार
शीना बोरा हत्याकांड (Sheena bora murder case) में जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी (Indrani Mukharjee) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। इंद्राणी जब से गिरफ्तार हुई है, तब से उसे एक बार भी जमानत नहीं मिली है।
मुंबई। 2012 में अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर केस (Sheena Bora Murder Case) की अभियुक्त इंद्राणी मुखर्जी जेल से बाहर नहीं आ सकेगी। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Hoghcourt) ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। शीना की वकील सना ने बताया कि जमानत के लिए अब वह सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) जाएगी। वर्ष 2015 में इंद्राणी (Indrani Mukherjea) को गिरफ्तार किया गया था। तब से लेकर अब तक उसे जमानत नहीं मिल पाई है। पिछले साल अगस्त में भी मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने इंद्राणी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जमानत पर रिहाई होने के बाद आरोपी द्वारा अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। जमानत के लिए अब इंद्राणी के पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का ही रास्ता बचा है।
मेडिकल आधार पर भी जमानत नहीं
49 वर्षीय इंद्राणी ने मेडिकल आधार पर कई बार जमानत हासिल करने की कोशिश की, लेकिन हर बार यह खारिज हो गई। उसने पिछले साल दिसंबर में एक अन्य याचिका दायर कर मामले के गुण-दोष के आधार पर जमानत मांगी थी। लेकिन इसके बाद भी उसे जमानत नहीं मिल सकी थी। शीना बोरा मर्डर केस में सीबीआई (CBI) ने अपनी जांच बंद करने का फैसला किया है। एजेंसी ने कोर्ट में कहा है कि 2012 में हुए इस मर्डर को लेकर उसकी जांच पूरी हो गई है। सीबीआई ने इस मामले में तीन चार्जशीट और दो सप्लीमेंटरी चार्जशीट फाइल की हैं। इनमें इंद्राणी मुखर्जी, उसके ड्राइवर श्यामवर राय, पूर्व पति संजीव खन्ना व पीटर मुखर्जी को आरोपी बनाया गया है। इंद्राणी को वर्ष 2015 में 25 वर्षीय शीना बोरा के मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शीना पहली शादी से इंद्राणी की बेटी थी।