सार
गुजरात के खाड़ी क्षेत्र के हरामी नाला(Harami Nalla) इलाके में BSF के क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो (creek crocodile commandos) सर्च ऑपरेशन के दौरान भागे 6 पाकिस्तानी मछुआरे आखिकार पकड़ लिए गए। जब इन्हें पकड़ा गया, तब ये कीचड़ में सने हुए थे।
नई दिल्ली. गुजरात के खाड़ी क्षेत्र के हरामी नाला(Harami Nalla) इलाके में BSF के क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो (creek crocodile commandos) सर्च ऑपरेशन के दौरान भागे 6 पाकिस्तानी मछुआरे आखिकार पकड़ लिए गए। जब इन्हें पकड़ा गया, तब ये कीचड़ में सने हुए थे। बता दें कि 9 फरवरी की दोपहर BSF को हरामी नाला में पाकिस्तानी मछुआरों की घुसपैठ की सूचना मिली थी।
सर्च ऑपरेशन चलाया गया था
गुजरात के खाड़ी क्षेत्र के हरामी नाला इलाके में पाकिस्तानी मछुआरों की तलाश के लिए BSF के क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो (creek crocodile commandos) ने सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ था। ड्रोन से निगरानी के दौरान इस इलाके में पाकिस्तानी मछुआरों की मौजूदगी की जानकारी लगी थी। इसके बाद एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से बीएसएफ के कमांडो को मौके पर पहुंचाया गया। जवानों को आता देख पाकिस्तानी मछुआरे नाव छोड़कर मैंग्रोव के जंगल में छिप गए। इस दौरान जवानों ने 11 नावों को जब्त कर लिया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी मछुआरों की तलाश की जा रही थी। डीआईजी बीएसएफ भुज ने लगभग 300 वर्ग किलोमीटर में फैले इलाके में तुरंत बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया। जीएस मलिक, आईपीएस, आईजी बीएसएफ गुजरात फ्रंटियर गांधीनगर से तड़के कच्छ पहुंचे और व्यापक तलाशी अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे थे।
बड़ा चुनौतीपूर्ण था इन्हें पकड़ पाना
कमांडो के 3 समूहों को वायु सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा तीन अलग-अलग दिशाओं से जमीन पर उतारा गया। इस इलाके में पाकिस्तानी छिपे हुए थे। अत्यधिक दलदली क्षेत्र, मैंग्रोव और ज्वार का पानी सैनिकों के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहा था।
बीएसएफ की कड़ी निगरानी में है इलाका
बीएसएफ के मुताबिक भुज के क्रीक क्षेत्र में छिपे मछुआरों की खोज के लिए भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर से 'क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो' को उतारा गया था। कमांडो रण के क्रीक क्षेत्रों में गश्त और अन्य अभियान चलाने के लिए बीएसएफ की एक विशेष इकाई का हिस्सा हैं।
बुधवार दोपहर ड्रोन के माध्यम से हरामी नाला क्षेत्र की नियमित हवाई निगरानी के दौरान आठ पाकिस्तानी नौकाओं को देखा गया था। संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ने के लिए तत्काल एक टीम ने फास्ट अटैक क्राफ्ट के माध्यम से भेजा गया, लेकिन घुसपैठियों को इसका पता चल गया। वे अपनी नावों से कूदकर छिप गए। तब से पूरा इलाका बीएसएफ की कड़ी निगरानी में था। अत्यधिक दलदली क्षेत्र होने से यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था।