सार

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में प्रदर्शन तेज हो गया है। जिसके बाद दिल्ली में 4 मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया है। जबकि यूपी के 12 जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। 

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुआ। अब तक कुल 5 की मौत की खबर सामने आई है। गुरुवार को लखनऊ में हुए हिंसा के बाद आज यानी शुक्रवार को गोरखपुर. फैजाबाद और बहराइच, बिजनौर, कानपुर, मेरठ, बुलंदशहर समेत अन्य जिलों में पुलिस पर पत्थरबाजी की गई। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बल का प्रयोग किया।

यहां हुई मौत 

हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान बिजनौर, फिरोजाबाद और मेरठ में फायरिंग के दौरान गोली लगने से 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं, आधा दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। हालांकि घायलों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। शुक्रवार को गाजियाबाद, मेरठ, सुल्तानपुर, गोरखपुर, कानपुर, उन्नाव, बुलंदशहर, हाथरस, हापुड़, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, सीतापुर, बिजनौर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, भदोही, वाराणसी, बहराइच, संभल और वाराणसी में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आंसू गैस के गोले दागे।

फूंकी गई पुलिस चौकी 

प्रदर्शनकारियों द्वारा मेरठ में दो पुलिस चौकियां फूंक दी गईं। फिरोजाबाद में भी चौकी फूंकी गई। यहां कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। राज्य में धारा 144 लागू होने के बावजूद गुरुवार को लखनऊ और संभल में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। पुलिस ने लखनऊ में 7 केस दर्ज किए और 200 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। फायरिंग में मारे गए युवक के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी हुई। प्रदेश में अब तक कुल 3305 लोग हिरासत में लिए गए हैं। लखनऊ समेत 20 जिलों में मोबाइल इंटरनेट ठप है।

एक्शन में पुलिस

    लखनऊ में शुक्रवार को हुए हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद आज यानी शुक्रवार को पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। जिसके बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 150 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही संभल में हुई हिंसा में सपा सांसद शफीकुर रहमान सहित 20 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कर लिया है। जिसके बाद पुलिस उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। वहीं, खबर सामने आई है कि लखनऊ में शुक्रवार को नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग काली पट्टी बांधकर विरोध जताने की तैयारी में थी। लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। 

     

    32 सेक्टरों में बंटा लखनऊ 

    गुरुवार को हुए हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद एक्शन में आई पुलिस एक ओर जहां ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी कर दी गई है। लखनऊ में थाना हजरतगंज, ठाकुरगंज, हसनगंज एवं वजीरगंज में भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद लखनऊ में अलर्ट बढ़ा दिया गया है। पूरे लखनऊ को 32 सेक्टरों में बांटा गया है, जहां मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। लखनऊ का प्रशासन सभी इमामों से बात करेगा और शांति की अपील की जाएगी। 

    भीम आर्मी को इजाजत नहीं 

    दिल्ली में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने की इजाजत मांगी थी। जिसे प्रशासन ने ठुकरा दिया है। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने मार्च निकालने की सहमति नहीं दी है। 

    21 को बिहार बंद का ऐलान

    राजद  के नेता तेजस्वी यादव ने नागरिकता कानून के विरोध में 21 दिसंबर को बिहार बंद का ऐलान किया है। इससे पहले गुरुवार को वाम दलों ने बिहार में बंद बुलाया था।  

    उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता कानून के विरोध में गुरुवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में एक शख्स की मौत हो गई है। जिसके बाद प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जिसके बाद सरकार ने गाजियाबाद में गुरुवार रात 10 बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। साथ ही प्रयागराज में भी 19 दिसंबर देर शाम से लेकर 20 दिसंबर सुबह 10 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवाएं स्थगित रहेंगी। इसके साथ ही लखनऊ, मऊ, वाराणसी, संभल सहित 12 जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। वहीं, प्रशासन ने पूरे प्रदेश में 31 जनवरी तक धारा 144 लागू कर दी है। सरकारी आदेश में कहा है, 'यह आदेश 19 दिसंबर को दोपहर बाद तीन बजे से 21 दिसंबर को दोपहर 12 बजे तक प्रभावी रहेगा'। लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान 16 पुलिसकर्मी घायल हुए, 1 प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।

    अलर्ट पर बेंगलुरु

    बेंगलुरु में पुलिस फायरिंग में दो लोगों प्रदर्शनकारियों की हुई मौत के बाद आज यानी शुक्रवार को भी धारा 144 लागू कर दी गई है। बेंगलुरु में आज भी CAA के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। साथ ही गृह मंत्रालय पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया गया है।