सार
जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ के अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (Flight Data Recorder) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (Cockpit Voice Recorder) का विश्लेषण कर लिया है।
नई दिल्ली। सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) समेत 14 सैन्य अफसरों के हेलीकॉप्टर दुर्घटना के मामले में ट्राइ-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (tri-services court of inquiry) ने दुर्घटना के कारण के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दी रिपोर्ट
प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, दुर्घटना घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित परिवर्तन के कारण बादलों में प्रवेश का परिणाम थी। इससे पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ जिसके परिणामस्वरूप इलाके में अनियंत्रित उड़ान हुई।
दुर्घटना की वजह घने जंगल, पहाड़ी इलाका और लो-विजिबिलिटी माना जा रहा है। लो-विजिबिलिटी के चलते हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। वहीं, लैंडिंग पॉइंट से वो कुछ ही दूरी पर था, इस कारण से भी वो निचाई पर उड़ रहा था। इस वजह से क्रैश लैंडिंग हुई। चूंकि हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी थे, इसलिए मानवीय गलती की आशंका नहीं थी। हेलिकॉप्टर में दो इंजन थे। इसलिए इंजन फेल होने की वजह से भी हादसा नहीं हो सकता था।
जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ के अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (Flight Data Recorder) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (Cockpit Voice Recorder) का विश्लेषण कर लिया है। निष्कर्षों के आधार पर, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है।
MI-17 V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था
8 दिसंबर, 2021 को भारतीय वायुसेना का एमआई-17 वी5 (MI-17 V5) हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के नीलगिरि में हुए इस दुर्घटना में देश ने 14 जांबाज अफसरों को खोया था। इस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधूलिका रावत समेत ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एनके गुरसेवक सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, एनके जितेंद्र कुमार, जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, जेडब्ल्यूओ दास, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, एल/नायक विवेक कुमार, एल/नायक बी साई तेजा, ग्रुप कैप्टन वरुन सिंह और हवलदार सतपाल शामिल थे। हादसे में केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे हैं। हालांकि बाद में उनका भी निधन हो गया था। यह हादसा नीलगिरि और कोयंबटूर के बीच में हुआ।
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