सार

कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 11,379 व्यक्तियों ने 2016 के दौरान आत्महत्या कर ली थीं लेकिन उसके बाद से किसानों द्वारा आत्महत्या करने के संबंध में सरकार ने कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है
 

नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 11,379 व्यक्तियों ने 2016 के दौरान आत्महत्या कर ली थीं लेकिन उसके बाद से किसानों द्वारा आत्महत्या करने के संबंध में सरकार ने कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है। केंद्र सरकार के एक मंत्री ने स्वयं संसद में यह जवाब दिया है।

संसद के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र के दौरान एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में शामिल कुल 11,379 व्यक्तियों (जिसमें 6,270 किसान एवं खेतीहर मजदूर तथा 5,109 कृषि श्रमिक शामिल हैं) ने आत्महत्या की।

2016 तक की सूचना एनसीआरबी की वेबसाईट पर उपलब्ध

उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय के अधीन आने वाला राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) भारत में दुर्घटनावश मृत्यु एवं आत्महत्यायें’ (एडीएसआई) नामक अपने प्रकाशन में ऐसी आत्महत्याओं के संबंध में सूचना का संकलन और प्रसार करता है।

मंत्री ने बताया कि आत्महत्याओं के संबंध में वर्ष 2016 तक की सूचना एनसीआरबी की वेबसाईट पर उपलब्ध है लेकिन वर्ष 2017 के बाद से ये रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में तोमर ने बताया कि कृषि राज्य का विषय है। राज्य सरकारें क्षेत्र विकास के लिए कार्यक्रमों का कार्यान्वयन कर रही हैं। भारत सरकार विभिन्न कार्यक्रमों और स्कीमों के माध्यम से राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता कर रही है।

किसानों को वृद्धावस्था पेंशन सुलभ कराने के उपाय

मंत्री ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए कार्यनीति की सिफारिश करने के ध्येय से वर्ष 2016 में एक अंतर मंत्रालयीय समिति का गठन किया था जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है जिसके बाद सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति के संबंध में सिफारिशों पर होने वाले अमल की निगरानी के लिए एक अधिकारसम्पन्न निकाय का गठन किया है।

उन्होंने बताया कि इस कदमों के अलावा फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए मधुमक्खीपालन को बढ़ावा देना, किसानों को संस्थागत रिण की व्यवस्था सुलभ कराना, कृषि क्षेत्र की पशुपालन, कुक्कुटपालन, डेयरी, मत्स्यकी इत्यादि जैसी सहायक गतिविधियों को बढावा देने, छोटे व सीमांत किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के प्रायोजन से इन किसानों को वृद्धावस्था पेंशन (3,000 रुपये) सुलभ कराने के उपाय किये गये हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)