सार

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि मंगलवार को किसान संगठनों और उनके समर्थन में विपक्षी दलों द्वारा भारत बंद के दौरान सुरक्षा कड़ी की जाए और साथ ही शांति सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वास्थ्य और सामाजिक गड़बड़ी के संबंध में जारी किए गए कोविड -19 दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि मंगलवार को किसान संगठनों और उनके समर्थन में विपक्षी दलों द्वारा भारत बंद के दौरान सुरक्षा कड़ी की जाए और साथ ही शांति सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वास्थ्य और सामाजिक गड़बड़ी के संबंध में जारी किए गए कोविड -19 दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।

भारत बंद में कौन-कौन शामिल?
हरियाणा और पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु के किसानों ने भी बंद का समर्थन किया है। इसके अलावा 10 ट्रेड यूनियन भी भारत बंद के समर्थन में आ गई हैं। 

11 बजे से पहले चले जाएं दफ्तर
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, मंगलवार को 11 बजे से लेकर 3 बजे के बीच भारत बंद रहेगा। दफ्तर जाने वाले 11 बजे से पहले घर से निकलें और चार बजे के बाद अपने दफ्तरों से घर जाएं।

क्या-क्या बंद रहेगा?
भारत बंद के दौरान तीन राज्यों हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियां बंद रहेंगी। सुबह 8 बजे से शाम 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। यातायात सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। बस और रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानी हो सकती है।  दूध, फल और सब्जी पर भी रोक रहेगी। 

क्या-क्या खुला रहेगा?
भारत बंद के दौरान एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। मेडिकल स्टोर खोले जा सकते हैं। अस्पताल सामान्य दिनों की तरह खुले रहेंगे। शादियों पर कोई पाबंदी नहीं है।
  
किसान आंदोलन के समर्थन में 11 दल
किसान आंदोलन के समर्थन में 11 दलों ने बयान जारी किया है, जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, PAGD, NCP, CPI, CPM, CPI (ML), RSP, RJD, DMK,और AIFB शामिल हैं। इन दलों ने बयान जारी कर किसानों की मांग पूरी करने और कृषि कानून 2020 में संशोधन की मांग की है। दलों ने कहा कि हम किसानों के साथ खड़े हैं, और उनके भारत बंद के ऐलान का समर्थन करते हैं।