सार
तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके शुभेंदु अधिकारी को केंद्र से Z कैटेगरी की सुरक्षा मिलेगी। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से चर्चा के बाद शुभेंदु को बंगाल में Z सिक्योरिटी देने का फैसला लिया गया है। उन्हें बुलेटप्रूफ गाड़ी भी मिलेगी। इसके अलावा बंगाल से बाहर उनके साथ Y+ सिक्योरिटी रहेगी।
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके शुभेंदु अधिकारी को केंद्र से Z कैटेगरी की सुरक्षा मिलेगी। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से चर्चा के बाद शुभेंदु को बंगाल में Z सिक्योरिटी देने का फैसला लिया गया है। उन्हें बुलेटप्रूफ गाड़ी भी मिलेगी। इसके अलावा बंगाल से बाहर उनके साथ Y+ सिक्योरिटी रहेगी।
ममता बनर्जी के बाद बंगाल में नंबर 2 माने जाने वाले शुभेंदु ने बुधवार को बंगाल विधानसभा सदस्य और गुरुवार को तृणमूल से इस्तीफा दिया था। वे पूर्वी मिदनापुर की नंदीग्राम सीट से विधायक थे। बताया जा रहा है कि 19 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान शुभेंदु भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
27 नवंबर को मंत्रिपद से दिया था इस्तीफा
- शुभेंदु अधिकारी ममता सरकार में परिवहन मंत्री थे। उन्होंने 27 नवंबर को मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा था कि मेरी पहचान यह है कि मैं पश्चिम बंगाल और भारत का बेटा हूं। मैं हमेशा पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए लडूंगा। उन्होंने उसी दिन ऐलान कर दिया था कि टीएमसी में रहकर काम करना संभव नहीं है।
- शुभेंदु अधिकारी को जनाधार वाले एक प्रभावशाली नेता के तौर पर माना जाता है। शुभेंदु अधिकारी ने कांथी पीके कॉलेज से स्नातक में ही राजनीतिक जीवन में कदम रखा था। वे 1989 में छात्र परिषद के प्रतिनिधि चुने गए। शुभेंदु 36 साल की उम्र में पहली बार 2006 में कांथी दक्षिण सीट से विधायक चुने गए।
- इसके बाद वे इसी साल कांथी नगर पालिका के चेयरमैन भी बने। शुभेंदु 2009 और 2014 में तुमलुक लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे। उन्होंने 2016 में नंदीग्राम विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने ममता ने मंत्री भी बनाया।
- शुभेंदु अधिकारी ममता सरकार में परिवहन, जल संसाधन और विकास विभाग तथा सिंचाई एवं जलमार्ग विभाग मंत्री भी रहे।
शुभेंदु के पिता केंद्र में मंत्री रहे
शुभेंदु पूर्वी मिदनापुर जिले के प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में रहे। वे 1982 में कांग्रेस के टिकट पर कांथी दक्षिण सीट से विधायक भी रहे। शिशिर अधिकारी तुमलुक लोकसभा सीट से सांसद हैं। वे मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री भी रहे। शुभेंदु के भाई दिव्येंदु अधिकारी कांथी लोकसभा सीट से सांसद हैं।
इन सीटों पर शुभेंदु के परिवार का प्रभाव
पूर्वी मिदनापुर के अंतर्गत 16 विधानसीटें आती हैं। इसके अलावा पश्चिमी मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया जिलों की करीब 5 दर्जन सीटों पर अधिकारी परिवार का प्रभाव माना जाता है। इतना ही नहीं नंदीग्राम आंदोलन में शुभेंदु के कौशल को देखते हुए ममता बनर्जी ने मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया में तृणमूल के विस्तार का काम सौंपा था। शुभेंदु ने इन जगहों पर पार्टी को मजबूत किया। इसके अलावा मुर्शिदाबाद और मालदा में भी शुभेंदु की अच्छी पकड़ बताई जाती है।