सार
शनिवार को बिहार के औरंगाबाद में छठ पूजा के दौरान भगदड़ मच गई। जिससे 2 बच्चों की मौत हो गई। साथ ही कई लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आई है। हादसा देव प्रखंड मुख्यालय स्थित सूर्यकुंड के पास हुआ है। पुलिस जांच कर रही है कि भगदड़ किस वजह से हुई। इस बीच जिले के डीएम राहुल रंजन महिवाल और एसपी दीपक बरनवाल ने मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया और इस घटना को अफसोसजनक बताया है। अधिकारियों के मुताबिक क्षमता से ज्यादा भीड़ हो जाने की वजह से यह अफरातफरी मची है।
औरंगाबाद. शनिवार को बिहार के औरंगाबाद में छठ पूजा के दौरान भगदड़ मच गई। जिससे 2 बच्चों की मौत हो गई। साथ ही कई लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आई है। हादसा देव प्रखंड मुख्यालय स्थित सूर्यकुंड के पास हुआ है। पुलिस जांच कर रही है कि भगदड़ किस वजह से हुई। इस बीच जिले के डीएम राहुल रंजन महिवाल और एसपी दीपक बरनवाल ने मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया और इस घटना को अफसोसजनक बताया है। अधिकारियों के मुताबिक क्षमता से ज्यादा भीड़ हो जाने की वजह से यह अफरातफरी मची है।
2012 में भी हुआ था हादसा
इससे पहले साल 2012 में भी छठ पूजा के दौरान बिहार की राजधानी पटना में हादसा हुआ था। इस दौरान बांस के बल्लियों से बना पुल टूट गया था। इसके बाद भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई थी।
18 महीने की बच्ची की मौत
पुलिस का कहना है कि मृतक बच्चों की पहचान हो गई है। पुलिस के मुताबिक मृतकों में पटना के बिहटा का एक 6 साल का लड़का है, जबकि हादसे में दूसरी मौत एक छोटी बच्ची की हुई है। ये बच्ची भोजपुर के सहार की रहने वाली है, इसकी उम्र मात्र 18 महीने है। इस घटना में कुछ लोगों के घायल होने की भी खबर है।
मेले में हुआ हादसा
पुलिस का कहना है कि छठ पूजा को लेकर देव में मेला लगा हुआ था। भगदड़ क्यों मची इसका पता अबतक नहीं चल पाया है, लेकिन जैसे ही लोगों ने एक-दूसरे को भागते देखा तो वो भी बिना कारण जाने इधर-उधर भागने लगे, तुरंत ही मेला क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। प्रशासन ने कई घंटों की कोशिश के बाद हालात पर काबू पाया। औरंगाबाद जिले के डीएम राहुल रंजन महिवाल और एसपी दीपक बरनवाल ने मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी है। नियमों के मुताबिक पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
हर साल यहां लगने वाले मेले में भारी भीड़ उमड़ती है। इस बार भी ऐसी ही उम्मीद थी, लेकिन प्रशासन ने भीड़ को संभालने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की। इसका नतीजा हुआ कि मेले में भगदड़ मच गई।