सार

जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में जनवरी में हर दिन 205 केस दायर हो रहे थे लेकिन, अप्रैल में ई-फाइलिंग के जरिए अभी तक कुल 305 केस ही आए। उन्होंने कहा केसों की संख्या कम होने से अदालतों में दायर होने वाले मुकदमों का दबाव कम हुआ है।

नई दिल्ली. देश में जारी कोरोना से जंग के बीच चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि मौजूदा समय में केसों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में जनवरी में हर दिन 205 केस दायर हो रहे थे लेकिन, अप्रैल में ई-फाइलिंग के जरिए अभी तक कुल 305 केस ही आए। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि घटनाएं नहीं हो रहीं। चोरी के केस नहीं हो रहे, अपराधों में कमी आई है। पुलिस कार्रवाई भी कम हुई है।

सीजेआई ने कहा कि शीर्ष अदालतों के जज आराम नहीं कर रहे बल्कि, मामलों को निपटा रहे हैं। हम साल में 210 दिन काम करते हैं। लेकिन अदालतों में दायर होने वाले मुकदमों का दबाव कम हुआ है।

आपदा या महामारी से निपटने में अधिकारी सक्षम 

सीजे बोबडे का कहना है आपदा या महामारी को संभालने में अधिकारी सक्षम हैं। कोरोना संकट से न्यायपालिका कैसे निपट रही है, इस मुद्दे पर सोमवार को प्रेस से बातचीत में सीजेआई ने इंसान, धन और जरूरी वस्तुओं की प्राथमिकता तय करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संकट के समय संसद, प्रशासन और न्यायपालिका को तालमेल से काम करना चाहिए।

कोरोना के सभी मामलों में सरकार से मांगा जवाब 

कोरोना संकट के दौरान सरकार की लाइन पर चलने के आरोपों पर सीजेआई ने कहा कि कोरोना के सभी मामलों में सरकार से पूछ चुके हैं कि अभी तक क्या कदम उठाए गए? प्रवासी मजदूरों के मामलों में खास तौर से जानकारी मांगी गई थी। यह विचाराधीन मामला है लेकिन, जो भी संभव था हमने किया। ऐसे आरोप तथ्यहीन हैं। 

'लोगों की जान जोखिम में डालने की छूट नहीं दी जा सकती'

जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायपालिका की भूमिका पर सीजेआई ने कहा- इसमें कोई शक नहीं कि प्रशासन को लोगों की जान जोखिम में डालने की छूट नहीं दी जा सकती। जब कभी ऐसा हुआ तो अदालत दखल देगी। हमने सरकार से कहा है कि जरूरतमंदों को रहने-खाने और काउंसलिंग की सुविधा दी जाए।

'वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मौजूदा हाल में एक विकल्प है'

अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई पर सीजेआई का कहना है कि संकट के इस समय में सुप्रीम कोर्ट से जो भी बन रहा है वह किया जा रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मौजूदा हालात को देखते हुए एक विकल्प है लेकिन, यह व्यवस्था अदालतों को रिप्लेस नहीं कर सकती।

देश में कोरोना का हाल 

देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 29 हजार 451 हो गई है। जबकि अब तक 939 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि राहत की बात है कि कोरोना से संक्रमित 7137 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं। जिन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। देश भर में पिछले 24 घंटे में 1561 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाए गए हैं। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 522, गुजरात में 247, दिल्ली में 190, उत्तर प्रदेश में 113 नए मरीज सामने आए हैं। जबकि 1 दिन में 58 लोगों ने दम तोड़ दिया, जिसमें सबसे अधिक 27 लोगों की मौत महाराष्ट्र में तो 11 लोगों की मौत गुजरात में हुई है।