सार

'इतिहास में कदम और काम दर्ज होते हैं!' इस बात को सर्वोपरी मानने वाले जस्टिस उदय उमेश ललित देश के नए चीफ जस्टिस की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। मौजूदा CJI एनवी रमना के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है।

नई दिल्ली. भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया(CJI) एनवी रमना (cji nv ramana) आज(26 अगस्त) रिटायर हो जाएंगे। उनकी जिम्मेदारी 27 अगस्त को जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) संभालेंगे। रमना एसए बोबडे के बाद 24 अप्रैल 2021 को देश के 48वें मुख्‍य न्‍यायाधीश(चीफ जस्टिस) बने थे। रमना ने कानून और न्‍याय मंत्रालय को अपना उत्तराधिकारी चुनने के लिए ललित के नाम की सिफारिश की थी। सीनियॉरिटी के हिसाब से जस्टिस उदय उमेश ललित का नाम आगे किया गया था। ललित 27 अगस्त को भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।

कई बड़े मामलों की सुनवाई कर चुके हैं नए CJI ललित
नए CJI जस्टिस ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को हुआ। उन्होंने 1983 में वकालात शुरू की। दिसंबर, 1985 तक जस्टिस ललित ने बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की। इसके बाद वे दिल्ली आ गए। जस्टिस ललित को सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल, 2004 में एक सीनियर एडवोकेट के तौर पर नॉमिनेट किया था। जस्टिस ललित CBI के विशेष लोक अभियोजक के रूप में 2जी मामलों में सुनवाई कर चुके हैं। 13 अगस्त 2014 को ललित को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस नियुक्त किया गया था। 

इतिहास में कदम और काम दर्ज होते हैं 
जस्टिस ललित का कार्यकाल केवल 74 दिनों का होगा। इस पर ललित मानते हैं कि कार्यकाल लंबा न सही, लेकिन बड़ा होना चाहिए। एक टीवी इंटरव्यू में पिछले दिनों जस्टिस ललित ने कहा था- "इतिहास में कदम और काम दर्ज होते हैं जिनसे वह कार्यकाल बनता है।" 

जस्टिस ललित गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों को सस्ता, सुलभ और शीघ्र न्याय दिलाने को अपनी प्राथमिकता और लक्ष्य मानते हैं। सोशल मीडिया पर न्यायपालिका और सरकारों के लगातार निशाने पर होने के सवाल पर ललित तर्क देते हैं कि बहस, तर्क और आलोचना स्वस्थ लोकतंत्र की खूबसूरती होती है, हालांकि हर चीज की मर्यादा होती है। कोर्ट के किसी भी आदेश या फैसले को आलोचना तर्क और रिसर्च से निकाले गए फैक्ट्स के आधार पर होनी चाहिए। फैसलों से परे जाकर आलोचना ठीक नहीं है।

जस्टिस ललित 8 नवंबर को रिटायर्ड होंगे और उसके बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

मुख्य न्यायाधीश के रूप में वह न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एसके कौल, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी को कॉलेजियम को लीड करेंगे। जस्टिस केएम जोसेफ 23 सितंबर को जस्टिस इंदिरा बनर्जी के रिटायरमेंट के साथ कॉलेजियम में प्रवेश करेंगे। 

यह होती है CJI चुने जाने की प्रक्रिया
मौजूदा मुख्‍य न्‍यायाधीश(CJI) सबसे सीनियर जज का नाम अपने उत्‍तराधिकारी के तौर पर आगे प्रमोट करते हैं। इस समय रमण के बाद उदय उमेश ललित सबसे सीनियर हैं। मैमोरंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) के तहत ही हायर जुडिशरी में जजों की नियुक्ति तय होती है। MoP के अनुसार अपना कार्यकाल पूरा करने वाला CJI कानून मंत्रालय से इस प्रक्रिया के संबंध में मिले लेटर के बाद अपना उत्तराधिकारी चुनने की सिफारिश करता है।\

जब एडवोकेट कोर्ट रूम में रोने लगे
सुप्रीम कोर्ट में अपने आखिरी दिन एनवी रमना 5 महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। कोर्ट रूम में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इमोशनल होकर कहा-"आपके रिटायरमेंट से हम एक बुद्धिजीवी और एक उत्कृष्ट न्यायाधीश को खो रहे हैं।" इस बीच सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे के आंसू छलक पड़े। वे बोले-आप जनता के जज हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब किसी CJI की सेरेमोनियल बेंच की लाइव स्ट्रीमिंग की जा ही है। इसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिखाया जा रहा है।

2 दिनों में सुने ये बड़े मामले
कर्नाटक कोल माइनिंग-
कर्नाटक के बेल्लारी, चित्रदुर्ग और तुमकुरु जिलों में खनन फर्मों के लिए आयरन ओर की माइनिंग लिमिट बढ़ाई है।

मुफ्त चुनावी घोषणाएं- इस मामले को 3 जजों की बेंच को रेफर किया है।

गोरखपुर दंगा केस-2007 के हेट स्पीच मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी।

पेगासस-इस मामले में अगली सुनवाई सितंबर के आखिरी हफ्ते में की जाएगी।

बिलकिस बानो- अपराधियों की सजा माफ करने के गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ CPI(M) नेता सुभासिनी अली, पत्रकार रेवती लाल और प्रोफेसर रूप रेखा वर्मा की याचिका पर सुनवाई। अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

पीएमएलए- प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) पर रिव्यू पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया है। कई पार्टियों ने इसके खिलाफ याचिका लगाई है।

PM मोदी की सिक्योरिटी में सेंध- पंजाब दौरे के समय PM मोदी की सिक्योरिटी में हुई सेंध के केस की जांच के बनी कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इसमे फिरोजपुर में SSP व्यवस्था बनाने में फेल रहे।

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