सार
समय-समय पर भारत में चीन के सामान के बहिष्कार का मुद्दा उठता रहता है। इस बीच कोलकाता में चीन के महावाणिज्यदूत झा लियू ने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात की तुलना में पश्चिम बंगाल में चीन का निवेश ‘बहुत कम’ है। लियू ने कहा कि वह राज्य में और अधिक चीनी निवेश लाने की संभावना तलाश रहे हैं।
कोलकाता. समय-समय पर भारत में चीन के सामान के बहिष्कार का मुद्दा उठता रहता है। इस बीच कोलकाता में चीन के महावाणिज्यदूत झा लियू(Chinese consul general in Kolkata Zha Liyou) ने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात की तुलना में पश्चिम बंगाल में चीन का निवेश ‘बहुत कम’ है। लियू ने कहा कि वह राज्य में और अधिक चीनी निवेश लाने की संभावना तलाश रहे हैं।
बंगाल में चीनी इन्वेस्टमेंट बढ़ाना चाहती हैं कंपनियां
लियू ने कहा कि चीन की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन उपकरण निर्माण कंपनी डोंगफैंग इलेक्ट्रिक(Dongfang Electric) ने कोलकाता के बाहरी इलाके में न्यूटाउन क्षेत्र में अपना कार्यालय स्थापित किया है, जबकि एक अन्य यूनिट न्यू होप और ऑटोमोटिव कंपनी SAIC सहित अन्य की कोलकाता में उपस्थिति है। लियू ने भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शुक्रवार को कहा, "बॉम्बे, दिल्ली क्षेत्र या गुजरात के मुकाबले पश्चिम बंगाल में चीनी निवेश बहुत कम है।"
उन्होंने कहा-"कंपनियां यहां प्रॉडक्टिविटी बढ़ाना चाहती हैं, लेकिन अपने वीजा का नवीनीकरण नहीं करवा सकतीं...इसलिए मैं इस तरह की और चर्चाओं की प्रतीक्षा कर रहा हूं। और हमें लोगों की जरूरत है, निर्णय लेने वालों की मेज पर यह देखने के लिए कि क्या किया जा सकता है? मैं कई-कई डेलिगेशंस को यहां आमंत्रित कर सकता हूं।"
पूर्वी लद्दाख में विवाद के बावजूद बढ़ा व्यापार
चीनी दूत ने कहा कि विशेष रूप से, भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार(India-China bilateral trade) ने 2021 में 125 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू लिया। एक साल में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया, जब पूर्वी लद्दाख में सेनाओं द्वारा लंबे समय तक गतिरोध के कारण संबंध नए निचले स्तर पर पहुंच गए थे।
बता दें कि भारत में चीन के बढ़ते निर्यात की पृष्ठभूमि में पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने गुरुवार को पड़ोसी देश के साथ व्यापार पर केंद्र की निर्भरता पर कटाक्ष किया था। मित्रा वर्तमान में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रिंसिपल चीफ एडवायजर हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की कि चीन से आयात पर भारत की निर्भरता 2014 की तुलना में दोगुनी हो जाएगी।
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