सार

मोइली ने कहा कि “एक समानांतर कांग्रेस नहीं हो सकती। हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमें पार्टी फोरम के भीतर ही करना होता है। उन्होंने सुधार की मांग की थी और ज्ञापन सौंपा था। उन्हें नेतृत्व से चर्चा करनी चाहिए। हम नेतृत्व की निंदा या निशाना बनाना शुरू नहीं कर सकते। उन्हें जी-23 को संस्थागत नहीं बनाना चाहिए और मेरा इससे संबद्ध नहीं है।"

नई दिल्ली। पांच राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस और उसका असंतुष्ट गुट एक दूसरे के समर्थन में आना शुरू कर दिए हैं। सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा खुद, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के इस्तीफा की पेशकश के बाद मंथन का दौर भी शुरू हो चुका है। असंतुष्ट नेताओं के गुट जी-23 के कई नेता पार्टी की नीतियों के समर्थन में आ गए हैं तो कईयों ने गुट से खुद को दरकिनार कर लिया है। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने तोड़ा G-23 से नाता

पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली, जो पहले G-23 का हिस्सा थे, उन्होंने यह कहते हुए समूह से नाता तोड़ लिया है कि एक समानांतर कांग्रेस नहीं हो सकती। मोइली ने कहा कि “एक समानांतर कांग्रेस नहीं हो सकती। हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमें पार्टी फोरम के भीतर ही करना होता है। उन्होंने सुधार की मांग की थी और ज्ञापन सौंपा था। उन्हें नेतृत्व से चर्चा करनी चाहिए। हम नेतृत्व की निंदा या निशाना बनाना शुरू नहीं कर सकते। उन्हें जी-23 को संस्थागत नहीं बनाना चाहिए और मेरा इससे संबद्ध नहीं है।"

क्या है G-23?

'G23' 23 कांग्रेस नेताओं के समूह को कहा गया जिन्होंने पिछले साल अगस्त में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। पत्र में पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व सहित पार्टी में कई सुधारों की मांग की गई थी। कपिल सिब्बल ने कथित तौर पर कहा था कि यह पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन और गांधी परिवार के अलावा किसी और के लिए कांग्रेस का नेतृत्व करने का समय है। यह बयान कांग्रेस नेतृत्व को अच्छा नहीं लगा।

इन नेताओं ने की थी सुधार की मांग

नेतृत्व के कामकाज पर असंतोष व्यक्त करते हुए पत्र लिखकर सुधारों की बात करने वाले नेताओं में कपिल सिब्बल, शशि थरूर, भूपिंदर सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, मणिशंकर अय्यर, पीजे कुरियन, परनीत कौर, संदीप दीक्षित और राज बब्बर शामिल थे।

मोइली ने कहा कांग्रेस नेतृत्व का साथ देने की जरूरत

मोइली ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि हम सत्ता में नहीं हैं, कांग्रेस नेताओं या कार्यकर्ताओं को घबराना नहीं चाहिए। कुछ लोग कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं और मुश्किल समय में उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "बीजेपी और अन्य पार्टियां ट्रांजिट पैसेंजर हैं, वे आएंगे और जाएंगे। बीजेपी एक बारहमासी पार्टी नहीं हो सकती है और यह मोदी के बाद राजनीति की उथल-पुथल को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह कांग्रेस है जो यहां रहेगी।"

जी23 पर अपने हमले को तेज करते हुए मोइली ने कहा, "सोनिया गांधी पार्टी के भीतर सुधार चाहती हैं लेकिन उनके आसपास के लोगों ने इसे तोड़ दिया है। जी23 नेता वरिष्ठ नेता को निशाना बना रहे हैं और कांग्रेस को कमजोर कर रहे हैं।" 

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