सार
तमिलनाडु में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को मदुरई में जल्लीकट्टू का आयोजन देखने पहुंचे। जल्लीकट्टू तमिलनाडु का पारंपरिक खेल है। इसमें लोग गुस्सैल और बेकाबू सांड़ों को पकड़कर गिराने की कोशिश करते हैं। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संघ प्रमुख मोहन भागवत भी तमिलनाडु में हैं, वे अलग अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
चेन्नई. तमिलनाडु में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को मदुरई में जल्लीकट्टू का आयोजन देखने पहुंचे। जल्लीकट्टू तमिलनाडु का पारंपरिक खेल है। इसमें लोग गुस्सैल और बेकाबू सांड़ों को पकड़कर गिराने की कोशिश करते हैं। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संघ प्रमुख मोहन भागवत भी तमिलनाडु में हैं, वे अलग अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
राहुल गांधी ने मदुरई में जल्लीकट्टू के आयोजन में हिस्सा लिया। खास बात ये है कि 2011 में यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने अधिसूचना जारी कर बैलों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। हालांकि, मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने इस प्रथा पर अपना रुख बदल लिया। तब से पार्टी जल्लीकट्टू के आयोजन का समर्थन करने लगी है।
राहुल ने साधा भाजपा पर निशाना
वहीं, राहुल गांधी ने कार्यक्रम के दौरान मोदी सरकार का नाम लिए बिना निशाना साधा। राहुल ने कहा, जो लोग ये सोचते हैं कि तमिल की संस्कृति खत्म कर देंगे, उन्हें मैं यह बताने आया हूं कि यह संस्कृति देश के भविष्य के लिए जरूरी है।
वहीं, कार्यक्रम से पहले तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलाइगिरी ने कहा, मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों केसाथ एकजुटता दिखाने के लिए राहुल गांधी जल्लीकट्टू देखने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, बैल किसानों का प्रतीक हैं, यह उनके जीवन का हिस्सा हैं।
एक नजर में: जल्लीकट्टू और राजनीति
- 2011 में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने जल्लीकट्टू पर पाबंदी लगाई।
- 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पाबंदी को सही करार दिया। कांग्रेस ने फैसले का स्वागत किया।
- 2016 में मोदी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर बैलों को उन जानवरों की सूची से हटा दिया, जिनके सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक थी।
- लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी।
- 2016 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा कि वह राज्य में जल्लीकट्टू की वापसी के लिए काम करेगी।
- 2017 में एआईएडीएमके सरकार ने अध्यादेश पारित कर जल्लीकट्टू पर लगा प्रतिबंध हटा दिया।
- इसके बाद कांग्रेस नेता और वकील मनु सिंघवी ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। हालांकि, बाद में प्रदेश कांग्रेस के दबाव में वे पीछे हट गए।