सार
भारत में 1 मई से 18+ लोगों को वैक्सीनेशन लगना शुरू होगी। ऐसी उम्मीद है कि वैक्सीनेशन जैसे-जैसे स्पीड पकड़ेगा, कोरोना पर ब्रेक लगने लगेंगे। दुनिया में भारत और अमेरिका टॉप-2 देश हैं, जहां कोरोना महामारी ने सबसे अधिक संक्रमण फैलाया। खैर, अमेरिका में आधे व्यस्कों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है। वैक्सीनेशन ड्राइव के स्पीड पकड़ने का नतीजा है कि यूरोप से लॉकडाउन हटने लगा है। अमेरिका और भारत भी इसी उम्मीद से वैक्सीनेशन को और तेज करने में लगे हैं।
नई दिल्ली. भारत में 1 मई से 18+ के लोगों को भी वैक्सीन लगना शुरू हो जाएगी। भारत में वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 से हुई थी। हालांकि अभी तक यह 45 साल से ऊपर या बीमार लोगों को ही लगाई जा रही थी। लेकिन अब इसे आयु सीमा घटाई जा रही है। भारत में अब तक 12,71,29,113 डोज लग चुकी हैं। कोरोना संक्रमण के मामल में भारत टॉप-2 पर हैं। यहां अब तक कुल 15.3M केस आ चुके हैं। पहले नंबर आता है अमेरिका का। यहां अब तक कुल केस-31.8M आ चुके हैं। हालांकि इस समय भारत में संक्रमण की स्पीड अधिक है। यहां रोज ढाई लाख से अधिक केस निकल रहे हैं, जबकि अमेरिका में 80 हजार के करीब। यहां अब तक पहली या दूसरी 8.4 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में 18 साल से ऊपर के 13 करोड़ लोगों को एक टीका लग चुका है। यह कुल व्यस्क आबादी का 50.4% है।
जानें वैक्सीनेशन के बाद के हालात..
- भारत और अमेरिका दोनों में ही कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया है। भारत में अब तक 181K लोगों की मौत हुई है। जबकि अमेरिका में 567K की मौत। यानी मौतों के मामलों में भारत में स्थिति कंट्रोल में है। खैर, ये दोनों ही देश अब वैक्सीनेशन को गति देने में लगे हैं।
- भूटान में 27 मार्च को वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। यहां अब तक 93% वयस्क आबादी को टीका लग चुका है। यानी देश की 8 लाख आबादी में से 62% को टीका लग चुका है। भारत ने ही भूटान को सबसे पहले वैक्सीन दी थी।
- वैक्सीनेशन के बाद यूरोप के कई देशों की जीवनशैली पटरी पर लौटने लगी है। यहां धीरे-धीरे पाबंदियां हटाई जा रही हैं। भारत और अमेरिका को भी उम्मीद है कि वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ने के साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा भी टलेगा और जिंदगी पटरी पर आएगी।