सार

भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलेक्शन आयोग ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। आयोग ने पांच राज्यों-पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के 2 मई को आने वाले रिजल्ट के बाद विजयी जुलूस या अन्य किसी भी तरह के जश्न पर रोक लगा दी है। इससे पहले सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट ने चुनावी रैलियों को लेकर चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी। HC ने यहां तक कह दिया था कि क्यों न इस मामल में चुनाव आयोग के अधिकारियों पर मर्डर का केस चलाया जाए।

चेन्नई. देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर मद्रास हाईकोर्ट की कड़ी फटकार के बाद चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि पांच राज्यों-पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव के 2 मई को आने वाले रिजल्ट के बाद कोई विजयी जुलूस या अन्य किसी भी तरह का जश्न नहीं मनाएं। चुनाव आयोग ने ऐसे सभी आयोजनों पर बैन लगा दिया है। बता दें कि चार राज्यों में चुनाव खत्म हो चुके हैं। अब सिर्फ बंगाल में 29 अप्रैल को आठवें यानी अंतिम चरण में 35 सीटों पर वोटिंग होगी। चुनावों में बढ़ती भीड़ को लेकर खूब आलोचना हो रही थी। हालांकि बंगाल में 7वें चरण से पहले चुनाव आयोग ने बड़ी रैलियों, रोड शो और पदयात्राओं पर रोक लगा दी थी। इसके बाद पार्टियों ने वर्चुअल सभाएं कीं।

भाजपा ने किया स्वागत
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा- भाजपा चुनाव आयोग द्वारा परिणामों के बाद विजय जुलूस पर प्रतिबंध के फ़ैसले का स्वागत करती है। मैंने भाजपा की सभी राज्य इकाइयों को इस निर्णय का पालन करने का निर्देश दिया है। हमारा हर कार्यकर्ता पूरी ऊर्जा के साथ इस संकट की घड़ी में आमजन की सेवा में निरंतर लगा रहेगा। सभी कार्यकर्ताओं और देशवासियों से आग्रह है कि अभी अधिक से अधिक स्वास्थ्य सम्बंधी नियमों का पालन करें और जागरूकता बढ़ाएं।

सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट ने की थी चुनाव आयोग पर सख्त टिप्पणी
चुनावों के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने और लापरवाही के लिए मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हाईकोर्ट ने 2 मई को होने वाली वोटों की गिनती भी रद्द करने की चेतावनी दी थी। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

मद्रास हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने कड़े शब्दों में कहा था कि कोविड 19 की दूसरी लहर के लिए सिर्फ आपका संस्थान जिम्मेदार है। जब चुनावी रैलियां हो रही थीं, तब क्या आप दूसरे ग्रह पर थे? चीफ जस्टिस ने यहां तक कह दिया कि चुनाव आयोग के अफसरों पर शायद हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। 
हाईकोर्ट ने दो टूक कहा कि अगर चुनाव आयोग कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को लेकर कोई ठोस प्लान पेश नहीं कर पाया, तो वोटों की गिनती रद्द कर दी जाएगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस समय कोरोना से बचाव और सुरक्षा सर्वोपरी है, बाकी सब बाद में आता है। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वो 30 अप्रैल तक अपना प्लान पेश करे, ताकि पता चले कि वोटों की गिनती के लिए क्या तैयारियां हैं। 

यह है कोरोना गाइड लाइन
कोरोना संक्रमण को रोकने केंद्र सरकार ने एक गाइड लाइन बनाई है। गृहमंत्रालय ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।

  • स्थानीय प्रशासन नाइट कर्फ्यू की अविध तय करेगा-जरूरी हो, तभी रात को निकलें
  • सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, त्योहार यानी सब तरह के समारोह पर बैन
  • शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मूवी थिएटर, रेस्तरां और बार, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्विमिंग पूल और धार्मिक स्थान सब बंद

इन पर छूट या दिशा-निर्देश

  • सरकारी और निजी क्षेत्र की आवश्यक सेवाएं ही चालू रहेंगी
  • सार्वजनिक परिवहन-रेलवे, मेट्रो, बसों और कैब में क्षमता से आधी सवारियां ही रहेंगी
  • शादियों में सिर्फ 50 लोग शामिल हो सकेंगे
  • अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोगों को मंजूरी
  • आवश्यक वस्तुओं के परिवहन और अंतर-राज्यीय आवागमन
  • ऑफिस में 50 फीसदी स्टाफ के साथ काम होगा 
  • औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रतिष्ठान खुले रहेंगे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी, समय-समय पर रैपिड एंटीजन टेस्ट भी कराएं