सार
कोरोना की किसी प्रभावी वैक्सीन का इंतजार लोग पिछले कई महीनों से कर रहे हैं, लेकिन अब उनका इंतजार खत्म होने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के लिए कोरोना का टीका अगले साल जनवरी या फरवरी की शुरुआत में उपलब्ध हो सकता है।
नई दिल्ली. कोरोना की किसी प्रभावी वैक्सीन का इंतजार लोग पिछले कई महीनों से कर रहे हैं, लेकिन अब उनका इंतजार खत्म होने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के लिए कोरोना का टीका अगले साल जनवरी या फरवरी की शुरुआत में उपलब्ध हो सकता है। सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन को आपातकालीन मंजूरी देने की तैयारी में है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए अगले महीने भारतीय रेगुलेटर के सामने आवेदन कर सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि अगर सबकुछ ठीक रहा और दिसंबर में वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो जनवरी-फरवरी में वैक्सीन की पहली खेप आने की उम्मीद की जा सकती है। बस इंतजार है तो ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन के आपातकालीन मंजूरी का। दरअसल, सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है।
भारत में हो रहा वैक्सीन का ट्रायल
सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का भारत में ट्रायल कर रहा है और तीसरे चरण का ट्रायल लगभग पूरा भी हो चुका है। इसके बाद वैक्सीन के नतीजों का विश्लेषण किया जाएगा और फिर बाजार में उसे उतारा जाएगा। भारत में यह वैक्सीन 'कोविशील्ड' के नाम से लॉन्च होगी। सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन के अलावा भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को भी आपातकालीन मंजूरी दी जा सकती है। फिलहाल इसके तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है, लेकिन एक अधिकारी का कहना है कि अगर कंपनी वैक्सीन के आपातकालीन मंजूरी के लिए आवेदन करती है तो उसके पहले और दूसरे चरण के डाटा के आधार पर मंजूरी मिल सकती है।
प्राथमिकता के आधार पर होगा टीकाकरण
लगभग सभी देशों के सरकारों की तरह ही भारत सरकार ने भी प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने के बारे में विचार किया है। इसके तहत 25-30 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा, जिसके लिए 50-60 करोड़ डोज की जरूरत होगी। पहले चरण में देश के फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स और बुजुर्गों को टीका लगाने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार वैक्सीन की खरीदारी के लिए निर्माता कंपनियों के लगातार संपर्क में है। वैसे तो सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन की कीमत 500-600 रुपये के बीच हो सकती है, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार आधी कीमत पर वैक्सीन खरीदेगी।