सार

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर खतरनाक साबित होती जा रही है। हर दिन लगभग 1 लाख केस सामने आ रहे हैं। कोरोना के संक्रमण के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे हैं। इसके बाद कर्नाटक, पंजाब, मप्र, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ में केस सामने आ रहे हैं।

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर खतरनाक साबित होती जा रही है। हर दिन लगभग 1 लाख केस सामने आ रहे हैं। कोरोना के संक्रमण के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे हैं। इसके बाद कर्नाटक, पंजाब, मप्र, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ में केस सामने आ रहे हैं। मार्च में तेजी से बढ़े कोरोना को देखते हुए भारत के स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि जल्द से जल्द बड़ा कदम उठाने की जरूरत है। वहीं, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने इस स्थिति को बद से बदतर करार दिया। 
 
उधर, महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। जबकि वीकेंड पर लॉकडाउन रहेगा। इसके अलावा जिम, धार्मिक स्थल, पार्क, सलून, पार्लर और राजनीतिक रैलियां भी बंद रहेंगी। लोगों को वर्क फ्रॉम होम करना होगा। जबकि सरकारी दफ्तरों में सिर्फ 50% लोगों को अनुमति होगी। 

नागरिक अपने इलाकों के बारे में दे रहे जानकारी
LocalCircles प्लेटफॉर्म पर नागरिक लगातार इस बारे में जानकारी दे रहे हैं, कि उनके इलाके, जिले या शहर में किस तरह लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे प्रोटोकॉल के प्रति लोग लापरवाह हो रहे हैं। यहां तक की जो लोग अपने साथ मास्क रखते भी हैं, वे मुंह या नाक तक नहीं ढकते हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने चुनावी राज्यों में रहो रहीं रैलियों और जनसभाओं को लेकर भी चिंता जाहिर की है। इतना ही नहीं लोगों ने शहर के बाजारों के बारे में भी बात की, कि किस तरह लोग ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और ना ही मास्क पहन रहे हैं। 

जहां देश में हर रोज करीब 1 लाख केस सामने आ रहे हैं, वहीं, LocalCircles ने एक सर्वे किया ताकि यह पता चल सके कि लोग किस तरह से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन कर रहे हैं। इस सर्वे में 33,000 लोगों ने हिस्सा लिया। ये लोग देश के 319  जिलों से हैं। 
 
- सिर्फ 11%  नागरिकों को लगता है कि उनके इलाके, जिले या शहर में लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे नियमों का पालन कर रहे हैं। 

लोगों से इस सवाल में यह जानने की कोशिश की गई कि क्या उन्होंने इसका विश्लेषण किया है कि उनके इलाकों, जिलों और शहरों में लोग मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन कर रहे हैं?

जवाब में 23% लोगों ने कहा कि नहीं, उनके यहां सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे नियमों का पालन नहीं हो रहा है। वहीं, 18% ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है, लेकिन लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं,  22% लोगों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है, और काफी सीमित ही मास्क का इस्तेमाल हो रहा है। यहां सिर्फ 23% लोगों ने माना कि उनके इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने का सीमित इस्तेमाल हो रहा है। वहीं, 11%  लोगों ने कहा कि उनके यहां मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है। इस सवाल पर 15,813 लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। 
 
केवल 29% नागरिकों ने कहा, उनके इलाके में लोग मास्क का इस्तेमाल अच्छे से कर रहे

कोरोना के उपायों में मास्क पहनने को काफी अहम बताया गया है। मास्क पहनने से ना सिर्फ आपके संक्रमित होने का खतरा कम होता है, बल्कि इससे संक्रमण फैलने का भी खतरा कम होता है। LocalCircles ने सितंबर 2020 में सर्वे किया था, इसमें 67% लोगों ने माना था कि उनके इलाके में मास्क का इस्तेमाल अच्छे से हो रहा है। लेकिन अब मार्च के सर्वे में यह घटकर 30% से कम रह गया है। मास्क के कम इस्तेमाल के पीछे लोगों का तर्क है कि यह आरामदायक नहीं होता। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन द्वारा ढिलाई और इलाके में केस कम होने से भी मास्क के प्रति लोग लापरवाह हुए हैं। 

लेकिन अब जब केस लगातार बढ़ रहे हैं, इसके बावजूद सिर्फ 29% लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में मास्क का इस्तेमाल गंभीरता से किया जा रहा है। इतना ही नहीं सर्वे में पता चला है कि मेट्रो से शहरी और अर्धशहरी या ग्रामीण इलाके में जाने पर मास्क के इस्तेमाल में कमी होती जा रही है। 
 
74% लोगों ने माना वैक्सीनेशन सेंटर पर मास्क का किया जा रहा इस्तेमाल
सरकार ने अप्रैल में छुट्टी वाले दिनों में भी वैक्सीनेशन सेंटर खुले रखने का आदेश दिया है। ऐसे में सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वैक्सीनेशन सेंटर पर किस तरह से मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। इसके जवाब में 6% लोगों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क दोनों का पालन नहीं किया जा रहा है। वहीं, 30% लोगों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है, लेकिन मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि 11%  लोगों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है, लेकिन सीमित संख्या में मास्क का इस्तेमाल हो रहा है। 5% लोगों ने कहा कि सेंटर्स पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सीमित रूप से पालन हो रहा है। इस सर्वे के मुताबिक, 74% ने माना कि वैक्सीनेशन सेंटर पर मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं, 44% ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो रहा है।