सार

पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। पिछले 24 घंटे में 2 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं। तेजी से बढ़ते मामलों के चलते राज्यों के अस्पतालों में बदहाली और बदइंतजामी की खबरें सामने आ रही हैं। आलम ये है कि कहीं अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं। तो कहीं ऑक्सीजन नहीं मिल रही। कहीं अस्पताल प्रशासन मरीजों से ही ऑक्सीजन लाने तक के लिए कह रहे हैं। ऑक्सीजन बढ़ती डिमांड और कमी को देखते हुए इसके दाम तीन गुना तक बढ़ गए हैं। 

नई दिल्ली. पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। पिछले 24 घंटे में 2 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं। तेजी से बढ़ते मामलों के चलते राज्यों के अस्पतालों में बदहाली और बदइंतजामी की खबरें सामने आ रही हैं। आलम ये है कि कहीं अस्पतालों में लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं। तो कहीं ऑक्सीजन नहीं मिल रही। कहीं अस्पताल प्रशासन मरीजों से ही ऑक्सीजन लाने तक के लिए कह रहे हैं। ऑक्सीजन बढ़ती डिमांड और कमी को देखते हुए इसके दाम तीन गुना तक बढ़ गए हैं। 

कहां कैसा हाल?

मध्य प्रदेश: मरीजों के परिजनों से मंगाई जा रही ऑक्सीजन

राज्य के भोपाल, इंदौर, रायसेन , जबलपुर जैसे बड़े शहरों से ऑक्सीजन की कमी के मामले सामने आ रहे हैं। यहां अस्पताल ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को एडमिट तक नहीं कर रहे हैं। लोगों से खुद ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए कहा जा रहा है। वहीं, कुछ अस्पताल मरीजों से पहले ही कह दे रहे हैं कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी है, अगर कोई अनहोनी हुई तो अस्पताल जिम्मेदार नहीं होगा। 

इंदौर की बात करें तो यहां मांग 100 टन प्रतिदिन है। वहीं, सप्लाई 60-70 टन ही है। ऐसे में अस्पतालों में मरीजों के परिजनों से ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए कहा जा रहा है। यहां के रायसेन में सिटी हॉस्पिटल के आशीष गोस्वामी ने बताया कि उन्हें हर रोज 90 ऑक्सीजन सिलेंडर की  जरूरत है। यह प्रतिदिन बढ़ रही है, लेकिन सिलेंडर उन्हें सिर्फ 30 ही मिल पा रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल भोपाल और जबलपुर का भी है।

क्या है शिवराज सरकार का दावा?
वहीं,  मध्य प्रदेश सरकार कहा कहना है कि उसने ऑक्सीजन की उपलब्धता 130 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 267 मीट्रिक टन कर दी है। यानी सप्लाई करीब दोगुनी बढ़ गई है। लेकिन मांग भी तेजी से बढ़ने के चलते संकट पैदा हो रहा है। 

महाराष्ट्र: तीन गुना तक हुए दाम

महाराष्ट्र ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में दूसरे राज्यों भी अपनी मांग को देखते हुए महाराष्ट्र ऑक्सीजन नहीं भेज रहे हैं। कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित होने के चलते महाराष्ट्र बेड और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। यहां मरीजों को तीन तीन दिन तक सिलेंडर नहीं मिल पा रहे हैं। लोग अपने मरीजों को लेकर भटकने को मजबूर हैं। यहां तक की अस्पताल भी ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को भर्ती करने से इंकार कर रहे हैं। या मरीजों के परिजनों से व्यवस्था करने के लिए कह रहे हैं।

महाराष्ट्र में खासकर मुंबई में ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ी है। ऐसे में सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं। यहां तक की यहां दाम तीन गुना बढ़ गए हैं। अस्पताल के मुताबिक, जहां एक जंबो सिलेंडर की रिफलिंग की कीमत कोरोना से पहले 250 रुपए थी। उसकी कीमत पिछले साल बढ़कर 600 और अब 900 रुपए हो गई है। 

दिल्ली में भी बढ़े दाम

दिल्ली में तेजी से बढ़ते कोरोना केसों को देखते हुए आम लोगों ने भी सिलेंडर रखने शुरू कर दिए हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए लोग ऑक्सीजन मीटर, प्लस मीटर खरीदकर घर में सेटअफ कर रहे हैं। वहीं, दिल्ली में 6 लीटर से 40 लीटर तक के एल्युमिनियम सिलेंडर की कीमत 6 हजार रुपए से 16 हजार रुपए है। डिमांड बढ़ने के चलते 7 हजार रुपए का सिलेंडर 9 हजार रुपए में बिक रहा है। 

उत्तर प्रदेश: कई जिलों में ऑक्सीजन की कमी

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है। दो दिन पहले प्रदेश की राजधानी लखनऊ से भी ऐसी खबरें सामने आई थीं। कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन ना मिलने से अफरातफरी मची है। लखनऊ में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने क लिए गाजियाबाद से 20-20 टन के दो टैंकर लखनऊ भेजे गए। इसके अलावा राज्य में  दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से ऑक्सीजन आ रही है।

छत्तीसगढ़: ऑक्सीजन की कमी से चार की मौत

चार कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई। यहां राजनंदगांव में कोरोना सेंटर में तीन लोगों की मौत ऑक्सीजन ना मिलने से हो गई। वहीं, 1 की मौत सामुदायिक हेल्थ सेंटर में हुई। इतना ही नहीं एंबुलेंस ना होने के चलते इनके शवों को कूड़े की गाड़ी से अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।